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- New Draft Policy Prepared For Development Of Steel Clusters, Government Hopes To Increase Both New Employment And Production
नई दिल्ली18 मिनट पहले
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टील क्लस्टर्स से न केवल देश को वैल्यू एडेड स्टील में आत्मनिर्भरता और कैपिटल गुड्स बनाने में मदद मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे।
- इसी साल जनवरी में इंस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘मिशन पूर्वोदय’ को लॉन्च किया था।
सरकार ने देश में स्टील क्लस्टर्स के डेवलपमेंट के लिए एक ड्राफ्ट पॉलिसी का फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसके जरिए वैल्यू एडेड स्टील के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा नए रोजगार का अवसर भी मिलेंगे। सोमवार को केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी है।
कोरोना के बीच सोमवार को 17वीं लोकसभा का सत्र शुरु हो गया है। संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री ने बताया कि नई ड्राफ्ट पॉलिसी का उद्देश्य मौजूदा स्टील समूहों के डेवलपमेंट और ग्रोथ के साथ साथ ग्रीनफील्ड स्टील क्लस्टर को मजबूत करना भी है।
नए रोजगार के अवसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टील क्लस्टर्स से न केवल देश को वैल्यू एडेड स्टील में आत्मनिर्भरता और कैपिटल गुड्स बनाने में मदद मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे। इससे देश के पूर्वी राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विकास होगा। यह सब मंत्रालय द्वारा लॉन्च पूर्वोदय योजना के तहत होगा।
मिशन पूर्वोदय
दरअसल इसी साल जनवरी में इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मिशन पूर्वोदय को लॉन्च किया था। इस मिशन का उद्देश्य स्टील हब के जरिए पूर्वी भारत में विकास की रफ्तार को तेज करना है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक और अन्य को मजबूती प्रदान मिले। मिशन को लॉन्च करते हुए उन्होंने कहा था कि ईस्टर्न बेल्ट में नेशनल स्टील पॉलिसी द्वारा देश की 75 फीसदी से ज्यादा की स्टील क्षमता को जोड़ने की कैपेसिटी है।
इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक स्टील उत्पादन की क्षमता 30 करोड़ टन में से 20 करोड़ टन से अधिक का उत्पादन अकेले भारत के पूर्वी क्षेत्र से आ सकता है।
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