India China Border News: Top Political And National Security Leadership Likely To Discuss Lac Situation Today – चीन सीमा विवाद पर सरकार की अहम बैठक आज, सेना के कई अधिकारी भी होंगे शामिल

नरेंद्र मोदी-एस जयशंकर-अजित डोभाल (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

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लद्दाख में जारी सीमा विवाद और गोलीबारी की घटना के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है। वहीं, शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख लोग शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच आगे की रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे। 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सीमा पर बनी स्थिति को लेकर चर्चा करने के लिए सैन्य अधिकारियों सहित शीर्ष राजनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख लोग आज बैठक करने वाले हैं। 

उन्होंने बताया कि इस बैठक में वे वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे जो वर्तमान में वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के साथ मिलकर सीमा पर बनी स्थिति को लेकर कार्य कर रहे हैं। इस नेतृत्व द्वारा दोकलाम और भूटानी क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा की जा रही गतिविधियों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, चीन से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भी चर्चा की जा सकती है। 

यह भी पढ़ें: भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में आर-पार की जंग के लिए तैयार, जानें अब तक क्या कुछ हुआ 

बैठक में कोर कमांडर स्तर की वार्ता में देरी पर भी चर्चा होगी जिस पर रूस में दोनों पक्षों के बीच राजनयिक वार्ता में सहमति बनी थी। चीनी और भारतीय कोर कमांडरों को लंबे अंतराल के बाद अपनी बातचीत को फिर से शुरू करना था।

इस चर्चा से पहले हुई पांच दौर की वार्ताएं विफल रहीं। उन बैठकों में तनाव के बिंदुओं पर चीनी सेना के पीछे हटने को लेकर कोई महत्वपूर्ण परिणाम हासिल नहीं हुए। इसके पीछे का कारण यह था कि चीनी सैनिक न केवल फिंगर 4 पर तैनात रहे, बल्कि उन्होंने यहां अपनी उपस्थिति को भी मजबूत किया। 

पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर मजबूत भारतीय रुख को लेकर आई चीनी प्रतिक्रिया पर भी नेतृत्व द्वारा चर्चा की जा सकती है। नेताओं ने हाल ही में भूटान में चीनी गतिविधियों की स्थिति पर चर्चा की थी, जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पिछले कुछ समय से सैनिकों और हथियारों को जमा किया है। 

अप्रैल-मई की अवधि के बाद से भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद जारी है, क्योंकि चीनी सेना ने पेंगोंग त्सो झील के साथ गलवां घाटी से लेकर फिंगर एरिया के कई क्षेत्रों में घुसपैठ की। हालांकि, भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी ने चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया। 

लद्दाख में जारी सीमा विवाद और गोलीबारी की घटना के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है। वहीं, शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख लोग शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच आगे की रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे। 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सीमा पर बनी स्थिति को लेकर चर्चा करने के लिए सैन्य अधिकारियों सहित शीर्ष राजनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख लोग आज बैठक करने वाले हैं। 

उन्होंने बताया कि इस बैठक में वे वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे जो वर्तमान में वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के साथ मिलकर सीमा पर बनी स्थिति को लेकर कार्य कर रहे हैं। इस नेतृत्व द्वारा दोकलाम और भूटानी क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा की जा रही गतिविधियों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, चीन से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भी चर्चा की जा सकती है। 

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बैठक में कोर कमांडर स्तर की वार्ता में देरी पर भी चर्चा होगी जिस पर रूस में दोनों पक्षों के बीच राजनयिक वार्ता में सहमति बनी थी। चीनी और भारतीय कोर कमांडरों को लंबे अंतराल के बाद अपनी बातचीत को फिर से शुरू करना था।

इस चर्चा से पहले हुई पांच दौर की वार्ताएं विफल रहीं। उन बैठकों में तनाव के बिंदुओं पर चीनी सेना के पीछे हटने को लेकर कोई महत्वपूर्ण परिणाम हासिल नहीं हुए। इसके पीछे का कारण यह था कि चीनी सैनिक न केवल फिंगर 4 पर तैनात रहे, बल्कि उन्होंने यहां अपनी उपस्थिति को भी मजबूत किया। 

पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर मजबूत भारतीय रुख को लेकर आई चीनी प्रतिक्रिया पर भी नेतृत्व द्वारा चर्चा की जा सकती है। नेताओं ने हाल ही में भूटान में चीनी गतिविधियों की स्थिति पर चर्चा की थी, जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पिछले कुछ समय से सैनिकों और हथियारों को जमा किया है। 

अप्रैल-मई की अवधि के बाद से भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद जारी है, क्योंकि चीनी सेना ने पेंगोंग त्सो झील के साथ गलवां घाटी से लेकर फिंगर एरिया के कई क्षेत्रों में घुसपैठ की। हालांकि, भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी ने चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया। 

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