Impact of CBSE Board’s remaining paper cancellation on other examinations | तैयारी कर रहे बच्चों का नुकसान नहीं होगा लेकिन, बचे पेपर कैंसल होने से पढ़ाई की रिदम टूटने का डर

सिद्धार्थ सराठे

सिद्धार्थ सराठे

Jun 25, 2020, 08:37 PM IST

CBSE ने 10वीं और 12वीं के बचे हुए पेपर रद्द करने का फैसला किया है। इन दोनों क्लास के 29 सब्जेक्ट्स के पेपर 1 से 15 जुलाई के बीच होने थे। 12वीं के स्टूडेंट्स का असेसमेंट अब उनके पिछले 3 एग्जाम के आधार पर होगा। हालांकि, वे स्कोर सुधारने के लिए अपने बचे हुए पेपर बाद में भी दे सकेंगे। इस बारे में विस्तृत नोटिफिकेशन CBSE की ओर से शुक्रवार को आ सकता है।

12वीं के दौरान कई स्टूडेंट्स कॉम्पिटिटिव और एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी भी करते हैं। ऐसे में पेपर कैंसल होने का इन स्टूडेंट्स की तैयारी पर क्या असर होगा? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर ने बच्चों के सवालों पर बड़ी एग्जाम्स के एक्सपर्ट्स से बात कर जरूरी बातें समझीं।

इन एक्सपर्ट्स ने बताया कि CBSE के इस फैसले से परीक्षाओं की तैयारी पर क्या असर होगा और अब परीक्षाएं कब तक होने के आसार हैं। 

  • JEE : एमआचरडी को नियमों में करना होगा बदलाव 

इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परीक्षा- ज्वॉइंट एंट्रेस एग्जाम (JEE) एक्सपर्ट विकास लोया कहते हैं : जेईई परीक्षा को लेकर 12वीं में कुछ न्यूनतम परसेंटेज का क्राइटेरिया रहता है। उम्मीद है एमएचआरडी इस क्राइटेरिया में इस साल छूट देगा। क्योंकि इंटरनल असेसमेंट में ये आकलन करना जरा मुश्किल है कि कौन स्टूडेंट उस क्राइटेरिया को पूरा कर पाएगा कौन नहीं। 

मेरा आकलन है कि JEE की परीक्षा भले ही देरी से होगी पर होगी जरूर। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए JEE MAINS और JEE  ADVANCE परीक्षा को अधिक शिफ्ट्स में बांटने की आवश्यकता है। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अगर पहले घोषित परीक्षाओं की तारीखों में कोई बदलाव है। तो नई तारीखों की घोषणा जल्द हो जानी चाहिए। क्योंकि जैसे-जैसे समय बीत रहा है, बच्चों का आत्मविश्वास गिर रहा है, इसे सम्भालने और उन्हें मोटिवेटेड बनाए रखना सबसे ज़रूरी है।

  • NEET : बच्चों के आत्मविश्वास और पॉलिसी लेवल पर चुनौतियां 

मेडिकल की सबसे बड़ी परीक्षा- नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) एक्सपर्ट अमित गुप्ता के अनुसार: जो स्टूडेंट गंभीरता से पढ़ाई करते हैं। वे चाहते थे कि 12वीं के सभी पेपर हों। ऐसे में अगर वो नीट की भी तैयारी कर रहे हैं, तो उनका ज्यादा आत्मविश्वास गिरने का डर है। इसके अलावा पॉलिसी लेवल पर भी कई चुनौतियां हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन है कि नीट देने के लिए बायोलॉजी के पेपर में पास होना जरूरी है।

ऐसे में सवाल ये है कि जिन स्टूडेंट्स का बायोलॉजी विषय का पेपर छूट गया है, क्या वे नीट दे सकेंगे? सरकार के स्तर पर यह स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। शेड्यूल के अनुसार परीक्षा 24 जुलाई को होनी है। लेकिन, वर्तमान परिस्थितियों को देखकर ऐसा लगता नहीं कि एक बार में ही इसे कराया जा सकेगा। नीट परीक्षा जल्दी करानी है तो इसे शिफ्ट्स में बांटना होगा। 

  • CLAT: लॉ स्टूडेंट्स को होगा फायदा 

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट ( CLAT) एक्सपर्ट हर्ष गगरानी के अनुसार: लॉ में एडमिशन लेने जा रहे स्टूडेंट्स सीबीएसई के बचे पेपर कैंसल का फायदा उठा सकते हैं। क्योंकि क्लैट परीक्षा के सिलेबस का अधिकतर हिस्सा 12वीं के सिलेबस में नहीं होता। ऐसे में क्लैट देने जा रहे स्टूडेंट्स को तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। अगर बोर्ड यह फैसला नहीं लेता। तो इन स्टूडेंट्स को अगला एक और महीना 12वीं की परीक्षाओं को ही देना पड़ता।

  • SSC : इस समय का फायदा उठा सकते हैं, लेकिन 5-6% स्टूडेंट ही ऐसा कर रहे हैं 

स्टॉफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) एग्जाम एक्सपर्ट विकास कुमार मेघल बताते हैं कि: एसएससी की 12वीं स्तर की परीक्षा सीएचएसएल अगस्त में होनी है। लेकिन, परिस्थितियों के अनुसार संभावना कम है कि परीक्षा हो पाएगी। एसएससी की एक सीपीओ परीक्षा भी है, जो सितंबर में होनी है। एसएससी परीक्षा के लिहाज से इस फैसले का फायदा ही होगा। लेकिन, अधिकतर स्टूडेंट्स इसका फायदा लेते नहीं दिख रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाएं 5-6% स्टूडेंट ही अटेंड कर रहे हैं। जो बच्चे कोचिंग संस्थान खुलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें कोई खास फायदा नहीं होने वाला। लेकिन, जिन्होंने समय का उपयोग परीक्षा की तैयारी में किया, वे इसका लाभ ले सकेंगे।

  • नई तारीखें:  कॉम्पिटिटिव एग्जाम अगस्त से पहले नहीं होंगे

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एग्जाम एक्सपर्ट लक्ष्मी शरण मिश्रा कहते हैं : स्टूडेंट सिर्फ एग्जाम के लिए ही सही, पर विषय को पढ़ लेता है। 10वीं और 12वीं के सिलेबस की पढ़ाई कॉम्पिटिटिव एग्जाम में भी काम आती है। ऐसे में बचे हुए पेपर कैंसल करने के फैसले ने स्टूडेंट के पढ़ने की लय को तोड़ा है। आगे खतरा यह है कि स्टूडेंट पढ़ाई की लय छोड़कर कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तारीखों में उलझ जाएंगे। परिस्थितियों को देखकर लगता है कि कॉम्पिटिटिव एग्जाम अगस्त से पहले नहीं होंगे। 

  • तैयारी कर रहे बच्चों के सवाल और एक्सपर्ट के जवाब

JEE की तैयारी कर रहे यथार्थ का सवाल – बचे पेपर की एग्जाम कब होगी और क्या इसका बाकी एग्जाम से क्लैश होगा?

एक्सपर्ट: इस बारे में CBSE एक-दो दिन में पूरी स्थिति स्पष्ट कर देगा। ऐसा बताया जा रहा है कि बचे 23 पेपर का जो भी असेसमेंट या री-एग्जाम होगी उसकी तारीख किसी भी तरह से JEE-NEET और CLAT की पहले से तय तारीखों से नहीं टकराएगी। इस बारे में बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में पूरी जानकारी दी है। बचे हुए पेपर का असेसमेंट स्कूल लेवल पर होगा और कहा जा रहा है कि ये सब कुछ 10 जुलाई तक हो जाएगा। 

12वीं के छात्र आदि कृष्णा का सवाल – अब कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए एक्स्ट्रा टाइम मिलेगा? 

एक्सपर्ट: बचे हुए पेपर कैंसल होने का फायदा ये हो सकता था कि कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। लेकिन, कोचिंग संस्थान बंद हैं। कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिहाज से देखें, तो ऑफलाइन कोचिंग ही ज्यादा कारगर मानी जाती है। कॉलेज और स्कूल के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा सकती है। लेकिन, कॉम्पिटिटिव के लिए यह उतनी कारगर नहीं है। 

11वीं के छात्र आदित्य का सवाल – एग्जाम कैंसल होने के बाद क्या करें, क्योंकि पढ़ाई की रिदम टूट रही है? 

एक्सपर्ट: अगर आपकी पढ़ाई का फ्लो टूट गया है और आपको लगता है कि मार्क्स सुधारने के लिए दोबारा एग्जाम नहीं दे पाएंगे। तो बेहतर होगा कि किसी स्किल पर काम करें। हार्वर्ड जैसी यूनिवर्सिटीज भी फ्री ऑनलाइन कोर्सेस करा रही हैं। इस तरह के अवसरों का फायदा उठाने के लिए अगले तीन महीनों का समय सबसे उपयुक्त है।

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