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- Before March 31, Vodafone Idea, Airtel And Other Companies Will Have To Pay 10 Percent Of AGR
मुंबई34 मिनट पहले
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कई कंपनियां दिवालिया हो गई हैं। इनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 21,139 करोड़ रुपए एजीआर बकाया है। एयरसेल पर 10,229 करोड़ रुपए, एस टेल पर 55.67 करोड़ रुपए बकाया है
- जिन कंपनियों ने अब तक जो भी पेमेंट किया है, उसे 10 प्रतिशत में नहीं गिना जाएगा
- टेलीकॉम कंपनियों पर कुल 1.47 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का एजीआर बकाया है
टेलीकॉम कंपनियों को 31 मार्च से पहले एजीआर की रकम का 10 प्रतिशत का पेमेंट करना होगा। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित अन्य टेलीकॉम कंपनियों को यह पेमेंट करना होगा। टेलीकॉम विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। टेलीकॉम कंपनियों पर कुल 1.47 लाख करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दस साल का समय दिया है
बता दें कि हाल में सुप्रीम कोर्ट ने इन टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया का पेमेंट करने के लिए दस साल का समय दिया है। टेलीकॉम विभाग (डीओटी) के सूत्रों ने बताया कि भले ही किसी कंपनी ने इस साल एजीआर बकाये के कुछ हिस्से का भुगतान किया हो, तब भी उन पर बकाए एजीआर का 10 प्रतिशत का भुगतान 31 मार्च से पहले करना होगा।
अगले साल अप्रैल से शुरू होगी दस साल की किश्त
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगले वित्त वर्ष से टेलीकॉम ऑपरेटर्स 10 किस्तों में एजीआर का भुगतान कर सकते हैं। 31 मार्च तक भारती एयरटेल को 4398 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया को 5825 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। वोडाफोन आइडिया पर कुल 58,254 करोड़ और एयरटेल पर 43,980 करोड़ रुपए है। बता दें कि आइडिया वोडाफोन ने अब तक 7,854 करोड़ रुपए और भारती एयरटेल ने 18,004 करोड़ रुपए का एजीआर का पेमेंट किया है।
मार्च तक कंपनियों को करना होगा 12 हजार 921 करोड़ का पेमेंट
इस वित्त वर्ष के अंत तक इन टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाए के रूप में कम से कम 12,921 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। इसमें में 80 प्रतिशत रकम का भुगतान भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को करना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां इस वित्त वर्ष के अंत तक 10 फीसदी एजीआर बकाये का भुगतान करने के लिए बाध्य है।
एमटीएनएल और बीएसएनएल ने कुछ नहीं पेमेंट किया
सरकारी कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल ने अब तक कोई भी पेमेंट एजीआर का नहीं किया है। बीएसएनएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक 583.5 करोड़ और एमटीएनएल को 435 करोड़ रुपए का पेमेंट करना है। टेलीकॉम विभाग के मुताबिक, इस पेमेंट के लिए डीओटी किसी भी टेलीकॉम कंपनी को डिमांड नोटिस नहीं भेजेगी क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है।
रिलायंस जियो ने पूरा पेमेंट कर दिया
रिलायंस जियो एकमात्र कंपनी है जिस पर कोई एजीआर बकाया नहीं है। इसने 195.18 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया चुका दिया है। इन कंपनियों के अलावा कई कंपनियां दिवालिया हो गई हैं। इनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 21,139 करोड़ रुपए एजीआर बकाया है। एयरसेल पर 10,229 करोड़ रुपए, एस टेल पर 55.67 करोड़ रुपए बकाया है।
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