- Hindi News
- National
- MBT Arjun DRDO | Made In India Laser Guided Anti Tank Guided Missile Successfully Tested In Gujarat Ahmednagar
नई दिल्ली4 घंटे पहले
भारत ने मंगलवार को देश में तैयार लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया। इसे डीआरडीओ की तीन संस्थाओं ने मिलकर तैयार किया है।
- एटीजीएम का टेस्ट फायर मंगलवार को अहमदनगर के केके रेंज में हुआ, इसने तीन किमी दूर टारगेट पर सटीक निशाना लगाया
- एटीजीएम में हाई एक्सप्लोसिव एंटी टैंक वॉर हेड का इस्तेमाल किया गया है, यह बख्तरबंद टैंकों को भी तबाह कर सकती है
भारत ने स्वदेशी लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ( एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया है। एटीजीएम का परीक्षण मंगलवार को अहमदनगर के आर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) के केके रेंज में किया गया। इसे अर्जुन टैंक पर रखकर फायर किया गया। टेस्ट फायर में इसने तीन किलोमीटर दूर टार्गेट को नेस्तनाबूद कर दिया।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के कई संस्थानों ने मिलकर इसे तैयार किया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। यह मिसाइल लेजर की मदद से टारगेट को लॉक और ट्रैक कर सटीक निशाना लगा सकती है। इसे कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकेगा।
फिलहाल अर्जुन टैंक से फायर कर इसे टेस्ट किया गया है। इसमें हाई एक्सप्लोसिव एंटी टैंक (एचईएटी) वॉर हेड का इस्तेमाल किया गया है। यह बख्तरबंद टैंकों को भी तबाह कर सकती है।
रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ को बधाई दी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल का टेस्ट सफल रहने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया- डीआरडीओ को अहमदनगर के केके रेंज (एसीसी एंड एस) में मेन बैटल टैंक (एमबीटी) से एटीजीएम का टेस्ट फायर करने के लिए बधाई। डीआरडीओ की टीम पर भारत को गर्व है। डीआरडीओ निकट भविष्य में हथियार का आयात कम करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रहा है।
Congratulations to @DRDO_India for successfully conducting test firing of Laser Guided Anti Tank Guided Missile from MBT Arjun at KK Ranges (ACC&S) in Ahmednagar.
India is proud of Team DRDO which is assiduously working towards reducing import dependency in the near future. pic.twitter.com/WuBivV7VYU
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 23, 2020
मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया गया
एटीजीएम को डीआरडीओ के मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया गया है। इसे पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई), पुणे के ही हाई एनर्जी रिसर्च लेबोरेट्री (एचईएमआरएल) और देहरादून के इंस्ट्रूमेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (आइआरडीई) ने मिलकर तैयार किया है।