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- One Thousand Biodata Accumulated In One Day, Neither Do You Want To Get Married Nor Do You Want A Job, All They Need Is A Ticket
पटना13 मिनट पहले
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टिकट के लिए अपना बायोडाटा जमा करने आए बीजेपी कार्यकर्ता।
- राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय में टिकट पाने की चाह में हुजूम उमड़ने लगा है
विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित भाजपा ऑफिस में टिकट पाने की चाह में आए कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ने लगा है। रोज करीब एक हजार बायोडाटा जमा हो रहे हैं। ये बायोडाटा न शादी के लिए हैं और न नौकरी के लिए। बायोडाटा जमा करने वालों की बस एक इच्छा है किसी तरह पार्टी की तरफ से चुनावी टिकट मिल जाए। बीजेपी कार्यालय में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं। सभी की यही कोशिश है कि बस एक बार बड़े नेताओं से भेंट हो जाए, ताकि उनके सामने अपनी दावेदारी पेश कर सकें।
गठबंधन दलों की सीटों पर भी दावेदारी कर रहे
बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से लेकर बिहार के नेताओं ने भले ही नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हो और बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार को बना दिया हो, लेकिन इसके बावजूद कार्यकर्ताओं के आत्मविश्वास में कहीं कोई कमी नहीं आई है।
मधुबनी के बिस्फी से टिकट की दावेदारी कर रहे संजय कुमार यादव यह अच्छी तरह जानते हैं कि यह सीट जदयू के खाते की है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि उनकी दावेदारी को देखते हुए इस बार बीजेपी यह सीट खुद लड़ेगी। इस तरह का आत्मविश्वास केवल संजय कुमार यादव का ही नहीं है। मखदुमपुर सीट से अपनी दावेदारी कर रहीं संध्या सिंह को भी ऐसा ही लगता है। संध्या ने कहा कि वह पार्टी की मजबूत सिपाही रही हैं और मखदुमपुर से जिस तरह की उनकी तैयारी है उन्हें वहां से जीत पक्की मिलेगी।
मखदुमपुर वही सीट है जहां से हम के जीतन राम मांझी चुनाव लड़ते रहे हैं। ऐसे में जब हम जेडीयू के साथ साझीदार बन गई है मखदुमपुर की सीट बीजेपी के खाते में आएगी या नहीं इस पर सवाल जरूर है, लेकिन फिर भी संध्या सिंह मानती हैं कि इस बार उन्हें टिकट जरूर मिलेगा।

टिकट पाने के लिए बायोडाटा जमा करने आईं महिलाएं।
सहरसा से टिकट पाने की आस लगाए आरती सिंह की मानें तो वह सीट जहां से 45 हजार वोटों से बीजेपी हारी है उस सीट पर भी बीजेपी को वो जीत दिला सकती हैं। भागलपुर सीट पर अपनी दावेदारी कर रही रानी चौबे कई बड़े पीआर संस्थाओं में और भागलपुर नगर निगम में पदाधिकारी के तौर पर काम कर चुकी हैं, लेकिन अब वह राजनीति में अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं। रानी चौबे की मानें तो भागलपुर की सीट पर बड़े-बड़े चेहरों के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन बीजेपी को जीत नहीं मिली। इस बार वह बीजेपी को वहां से पक्की जीत दिला सकती हैं। इसीलिए पार्टी कार्यालय अपनी दावेदारी को लेकर पहुंची हैं।
प्रचार की पूरी रणनीति है तैयार
ऐसा नहीं कि इन नेताओं ने बस अपना बायोडाटा ही तैयार किया है। इन्होंने चुनाव प्रचार की भी पूरी तैयारी कर ली है। अपना बायोडाटा लेकर पार्टी कार्यालय पहुंची इंदु कश्यप कहती हैं उन्होंने चुनाव के लिए पूरी तैयारी कर ली है। वर्चुअल चुनाव प्रचार के लिए उन्होंने हजारों की संख्या में वॉट्सऐप ग्रुप तैयार कर लिए हैं और इसके जरिए वह अपने मतदाताओं तक प्रचार करेंगी। इसके अलावा जूम एप, गूगल मीट, फेसबुक और ट्विटर के जरिए भी वह अपने मतदाताओं के संपर्क में रहेंगी। इसी तरह से संध्या सिंह की मानें तो उन्होंने भी अपनी पुरजोर तैयारी कर रखी है।
महिलाएं अपनी हिस्सेदारी लेने को दिख रहीं तैयार
ऐसा नहीं कि टिकट पाने की चाह रखने वालों की लाइन में सिर्फ पुरुष ही हैं। यहां महिलाएं भी बड़ी संख्या में दिखाई दे रहीं हैं। इसके बावजूद भीड़ के कारण न तो वह आराम से खड़ी हो पा रही थी और न ही उन्हें कहीं बैठने की जगह मिल पा रही थी, लेकिन वह बड़े नेताओं से मिलकर अपनी दावेदारी पेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि अपनी साथी महिला टिकटार्थियों के साथ भी वह खड़ी दिखाई दे रही थी और उनकी दावेदारी को सही बता रही थी।
टिकट पाने के लिए ही नहीं टिकट कटवाने के लिए भी पहुंचे नेता
ऐसा नहीं है कि यहां सिर्फ टिकट लेने के लिए ही लोग लाइनों में लगे थे। कुछ तो ऐसे भी थे जो यहां सिर्फ इसलिए पहुंचे थे कि वह दूसरे का टिकट कटवा सके। बेबी देवी के खिलाफ 50 की संख्या में आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में प्रदर्शन किया। वे बेबी देवी का टिकट काटने की मांग कर रहे थे। शोर-शराबा करते कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय के पोर्टिको तक पहुंच गए और नारेबाजी और प्रदर्शन किया। इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि बेबी देवी कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करती और इसीलिए बीजेपी को उन्हें टिकट नहीं देना चाहिए।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
टिकट पाने की होड़ में कोरोना से जुड़े नियमों की भी खुलकर धज्जियां उड़ी। बीजेपी कार्यालय में हजारों की भीड़ के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का नामोनिशान नहीं था। कुछ लोगों ने तो मुंह और नाक पर मास्क लगा रखे थे लेकिन ज्यादातर लोग बिना मास्क के नजर आए। इस दौरान बीजेपी कार्यालय की सुरक्षा में लगे और बड़े नेताओं की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी तमाशबीन बन खड़े रहे। जाहिर है यह सिलसिला आने वाले दिनों में भी लगातार दिखाई देगा। ऐसे में आने वाले दिनों में बीजेपी कार्यालय में यह समस्या और गंभीर दिखाई दे सकती है।