Delisting above 17 cr shares of Vedanta tendered so far nearly half in Rs 138 to 140 bracket | वेदांता के निवेशकों ने अब तक 17.15 करोड़ शेयर ऑफर किए, इनमें से करीब आधे शेयर के लिए 138-140 रुपए मांगे

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नई दिल्ली5 घंटे पहले

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डिलिस्टिंग के लिए रिवर्स बुक बिल्डिंग की प्रक्रिया 5 अक्टूबर को शुरू हुई, यह 9 अक्टूबर को बंद होगी

  • वेदांता के प्रमोटर्स आम शेयरधारकों से 169.73 करोड़ शेयर या 47.67% हिस्सेदारी खरीदना चाहे हैं
  • डिस्कवर्ड प्राइस की घोषणा करने और इसे स्वीकार या खारिज करने की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर है

वेदांता लिमिटेड को बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर डिलिस्ट करने के लिए चल रहे रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया में निवेशकों ने बुधवार तक 17.15 करोड़ से ज्यादा शेयर ऑफर किए हैं। स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक पहले तीन दिनों में ऑफर किए गए 17.15 करोड़ शेयरों में से करीब आधे यानी 8.49 करोड़ शेयर 138 से 140 रुपए के प्राइस रेंज में ऑफर किए गए हैं। वेदांता का बाजार से डिलिस्ट करने के लिए प्रमोटर्स आम शेयरधारकों से 169.73 करोड़ शेयर या 47.67 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहे हैं।

रिवर्स बुक बिल्डिंग की प्रक्रिया 5 अक्टूबर को शुरू हुई और यह 9 अक्टूबर को बंद होगी। डिस्कवर्ड प्राइस की घोषणा करने और इस प्राइस की खरीदार की ओर से स्वीकृति या अस्वीकृति के लिए आखिरी तारीख 16 अक्टूबर है। बीएसई पर वेदांता के शेयर बुधवार को 10.40 फीसदी गिरकर 123.60 रुपए पर बंद हुए।

शेयर वापस करने के लिए अधिकतम 999 रुपए प्रति शेयर की कीमत मांगी गई है

डिलिस्टिंग को फंड करने के लिए प्रमोटर्स ने 3.15 अरब डॉलर जुटाए हैं। बाजार के आंकड़ों के मुताबिक शेयर वापस करने के लिए अधिकतम 999 रुपए प्रति शेयर की कीमत मांगी गई है। अब तक ऑफर किए गए 17.15 करोड़ शेयरों में से 11.35 करोड़ शेयर के लिए 140 रुपए प्रति शेयर तक की कीमत मांगी गई है।

डिलिस्टिंग के लिए और फंड जुटाना कठिन

आम शेयरधारकों द्वारा प्लेस किए गए बिड के आधार पर आखिरी एक्जिट ऑफर प्राइस तय किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी बढ़कर कम से कम 90 फीसदी हो जाने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक प्रमोटर्स संभवत: डिलिस्टिंग को फंड करने के लिए और पूंजी नहीं जुटा पाएंगे, क्योंकि कर्जदाताओं ने और पूंजी जुटाने से रोक दिया है।

हिंदुस्तान जिंक द्वारा जुटाए गए फंड का डिलिस्टिंग से कोई नाता नहीं

एक सूत्र ने कहा कि ऐसी चर्चा है कि हिंदुस्तान जिंक ने एनसीडी के जरिये 3,520 करोड़ रुपए जुटाए हैं, ताकि वह डिलिस्टिंग में पेरेंट कंपनी को मदद कर सके, लेकिन इस फंड का डिलिस्टिंग से कोई संबंध नहीं। भारतीय कानून के मुताबिक हिंदुस्तान जिंक या वेदांता डिलिस्टिंग के लिए फंड नहीं जुटा सकती।

प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज के प्राइस टार्गेट्स

इस बीच आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज, सिटी रिसर्च और सीएलएसए जैसी ब्रोकरेज कंपनियों ने वेदांता के शेयरों के लिए प्राइस टार्गेट रिवाइज की हैं। आईसीआईसीआई ने वेदांता को होल्ड से डाउनग्रेट कर रिड्यूस की श्रेणी में डाल दिया है और 120 रुपए का प्राइस टार्गेट रखा है। सीएलएसए ने 133 रुपए का प्राइस टार्गेट दिया है। दूसरी ओर सिटी रिसर्च ने 150 रुपए के प्राइस टार्गेट के साथ बाय रेटिंग को बरकरार रखा है।

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