RBI repo rate unchanged, but growth rate is expected to improve in fourth quarter | रेपो रेट में नहीं होगा कोई बदलाव, लेकिन जीडीपी ग्रोथ में 9.5% की गिरावट का अनुमान

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मुंबई19 मिनट पहले

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गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2021 में रीयल जीडीपी ग्रोथ में 9.5% की गिरावट आ सकती है।

  • आरबीआई ने रेपो रेट 4% पर स्थिर रखने का फैसला किया है
  • सभी 6 एमपीसी सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट किया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है, जो वर्तमान में 4% है। यह फैसला 7 अक्टूबर से चल रही तीन दिवसीय बैठक के बाद लिया गया है। इससे पहले अगस्त में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। प्रेसवार्ता के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी में ग्रोथ देखने को मिल सकती है।

तीन दिवसीय बैठक के बाद दरें

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कमिटी के सभी सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट 4% पर बनाए रखने का निर्णय लिया है। सभी 6 MPC सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट किया। इसके अलावा ब्याज दरों को लेकर आरबीआई का रुख अकोमोडेटिव बरकरार है। इससे पहले आरबीआई ने अगस्त में भी ब्याज दरें नहीं बदली थीं। जबकि मई में ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वाइंट और मार्च में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी। 2020 में अबतक दरों में 115 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो चुकी है।

रेपो रेट 4%
– रिवर्स रेपो रेट – 3.35%
– कैश रिजर्व रेश्यो – 3%
– बैंक रेट – 4.25%

इकोनॉमी में सुधार की उम्मीद

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में रीयल जीडीपी ग्रोथ में 9.5% की गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि अब आरबीआई का फोकस कोविड-19 के बाद रिवाइवल पर ज्यादा है। उनका कहना है कि हाल में आए आर्थिक आंकड़ों से आर्थिक सुधार के संकेत मिल रहे है। इसकी वजह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और फेस्टिव सीजन के कारण बढ़ी इकोनॉमिक एक्टिविटीज है।

दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2021 में अनाज उत्पादन बढ़ा है। दूसरी ओर अनलॉक में सरकार से मिल रही रियायतों से निर्माण कार्यों में ग्रोथ देखने को मिली है। इसके अलावा प्रवासी मजदूर भी काम पर लौट रहे हैं। हालांकि सितंबर में भी महंगाई दर अपने लक्ष्य ऊपर रह सकती है। इसके अलावा ग्लोबल इकोनॉमी में भी रिकवरी के मजबूत संकेत दिखाई दे रहे हैं। कई देशों में मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल बिक्री में रिकवरी दिखी है। इसके अलावा खपत और एक्सपोर्ट में भी सुधार के संकेत मिल रहे हैं।

नए सदस्यों की नियुक्ति

सरकार ने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) में 7 अक्टूबर को तीन नए सदस्यों आशिमा गोयल, शशांक भिड़े और जयंत आर वर्मा को नियुक्त किया था। इससे पहले एमपीसी का कोरम पूरा न होने के कारण आरबीआई ने बैठक टाल दी थी, जो 29, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाली थी। क्योंकि पुराने सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया था।

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