- CBSE बोर्ड ने मंगलवार को कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी घोषणा
- जिन टॉपिक्स को हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स क्लियर रहें
दैनिक भास्कर
Jul 09, 2020, 02:49 PM IST
कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्ड ने मंगलवार को कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में 30 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा थी। इस कटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।
शिक्षा से दूर रखें राजनीति: केंद्रीय शिक्षा मंत्री
हालांकि, बोर्ड के इस फैसले के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। कई लोग सिलेबस से इन टॉपिक्स को हटाएं जाने का विरोध, तो कई इसका राजनीतिकरण कर रहे है। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर शिक्षा से राजनीति दूर रखने और राजनीति को ज्यादा शिक्षित करने का निवेदन किया।
It is our humble request: #Education is our sacred duty towards our children. Let us leave politics out of education and make our politics more educated. 🙏
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
झूठी तस्वीर की जा रही पेश
मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि CBSE के सिलेबस से हटाएं गए टॉपिक्स को लेकर कई तरह के कमेंट्स किए जा रहे हैं। इन कमेंट्स के साथ परेशानी यह है कि इसे एक खास विषय के जोड़कर झूठी तस्वीर पेश की जा रही है।
It is our humble request: #Education is our sacred duty towards our children. Let us leave politics out of education and make our politics more educated. 🙏
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
बोर्ड ने कहा- मीडिया गलत दिखा रहा
इससे पहले CBSE के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि अकेडमिक कैलेंडर में जो कटौती की गई है, उसे मीडिया में गलत तरीके से बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो भी टापिक्स हटाए गए हैं, उन्हें NCERT के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर के तहत कवर किया गया है।
साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि, जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स क्लियर रहें।
There has been a lot of uninformed commentary on the exclusion of some topics from CBSE syllabus. The problem with these comments is that they resort to sensationalism by connecting topics selectively to portray a false narrative: Ramesh Pokhriyal, Union HRD Minister pic.twitter.com/CMsGutviBG
— ANI (@ANI) July 9, 2020