संवाद न्यूज एजेंसी, होशियारपुर (पंजाब)
Updated Fri, 16 Oct 2020 12:52 AM IST
किसानों को संबोधित करते योगराज सिंह।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब में राजनीतिक दल और पंजाबी कलाकार लगातार किसानों का समर्थन कर रहे हैं। अब इन किसानों के समर्थन में क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह भी उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भले ही कृषि कानूनों को किसान हितैषी बता रही है लेकिन किसान इन कानूनों से संतुष्ट नहीं हैं।
इन कानूनों को रद्द कराने के लिए किसानों ने जो संघर्ष छेड़ा है, उसमें सूबे का हर वर्ग किसानों के साथ है। वे होशियारपुर में चंडीगढ़ रोड पर नंगल शहीदां स्थित टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने पहुंचे थे। योगराज सिंह ने कहा कि वह भी किसान हैं और उनका दर्द समझते हैं। केंद्र सरकार के कृषि कानून पूरी तरह से किसान विरोधी है।
यह न सिर्फ किसानों बल्कि श्रमिक और व्यवसायी वर्ग को प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खुद को किसान हितकारी बताती है लेकिन वास्तव में ऐसा है तो उन्हें किसानों के साथ बंद कमरे में नहीं बल्कि किसान संगठनों के साथ सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सामने बैठक कर ठोस समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में किसानों के साथ पंजाबी फिल्म उद्योग भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। वह पूरी तरह किसानों के साथ हैं।
पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब में राजनीतिक दल और पंजाबी कलाकार लगातार किसानों का समर्थन कर रहे हैं। अब इन किसानों के समर्थन में क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह भी उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भले ही कृषि कानूनों को किसान हितैषी बता रही है लेकिन किसान इन कानूनों से संतुष्ट नहीं हैं।
इन कानूनों को रद्द कराने के लिए किसानों ने जो संघर्ष छेड़ा है, उसमें सूबे का हर वर्ग किसानों के साथ है। वे होशियारपुर में चंडीगढ़ रोड पर नंगल शहीदां स्थित टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने पहुंचे थे। योगराज सिंह ने कहा कि वह भी किसान हैं और उनका दर्द समझते हैं। केंद्र सरकार के कृषि कानून पूरी तरह से किसान विरोधी है।
यह न सिर्फ किसानों बल्कि श्रमिक और व्यवसायी वर्ग को प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खुद को किसान हितकारी बताती है लेकिन वास्तव में ऐसा है तो उन्हें किसानों के साथ बंद कमरे में नहीं बल्कि किसान संगठनों के साथ सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सामने बैठक कर ठोस समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में किसानों के साथ पंजाबी फिल्म उद्योग भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। वह पूरी तरह किसानों के साथ हैं।
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