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- RBI QR Code Rules Latest Update; Paytm, PhonePe, Google Pay, Payment System Operators
मुंबई22 मिनट पहले
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भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 से 2020 के दौरान यूपीआई से लेन-देन का वोल्यूम करीबन 13 गुना बढ़ा है जबकि इसका वैल्यू 20 गुना बढ़ा है
- RBI ने फोन पे जैसी कंपनियों से कहा है कि अब वे अपने मालिकाना हक वाले नए QR कोड को लांच नहीं करेंगे
- RBI के इस कदम के बाद अब ग्राहक UPI पेमेंट का सपोर्ट करने वाले किसी भी ऐप से किसी भी प्लेटफॉर्म पर पेमेंट कर सकते हैं
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फोन से पेमेंट करनेवाले डिजिटल प्लेटफॉर्म को जबरदस्त झटका दिया है। इसके तहत अब पेटीएम, फोनपे, गूगल पे, अमेजन पे जैसे प्लेटफॉर्म अब एक्सक्लूसिव QR कोड का उपयोग नहीं कर पाएंगे। यह नियम उन QR कोड पर लागू होगा, जो QR कोड सिर्फ इन कंपनियों के ही प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं।
31 मार्च 2022 से पहले शिफ्ट करना होगा
RBI ने कहा है कि इसकी जगह पेमेंट एप्स को 31 मार्च, 2022 तक एक या एक से अधिक इंटर ऑपरेबल QR कोड में शिफ्ट करना होगा। आरबीआई ने कहा है कि किसी भी पेमेंट लेन-देन के लिए किसी भी पीएसओ द्वारा कोई नया मालिकाना QR कोड लॉन्च नहीं किया जाएगा। RBI के इस ताजा कदम से अब ग्राहक UPI पेमेंट का सपोर्ट करने वाले किसी भी ऐप से किसी भी प्लेटफॉर्म पर पेमेंट कर सकते हैं।
एक्सेप्टेंस इंफ्रा को बढ़ावा देने की योजना
RBI के इस आदेश का मतलब यह है कि वह चाहता है कि एक्सेप्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को देश में बढ़ावा मिले। साथ ही इंटर ऑपरेबिलिटी (यानी एक दूसरे प्लेटफॉर्म पर ऑपरेट करने की सुविधा) में सुविधा मिले और सिस्टम को बढ़ाने पर काम किया जाए। हालांकि कई सारे PSO ने पहले ही इंटर ऑपरेबल QR कोड पर अमल कर लिया है। पर अभी भी काफी सारे PSO ऐसे हैं जो पेमेंट के ट्रांजेक्शन के लिए मालिकाना QR कोड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यूपीआई QR और भारत QR जारी रहेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि यूपीआई QR और भारत QR आगे भी जारी रहेंगे। साथ ही पीएसओ को भी इंटर ऑपरेबल जागरुकता बढ़ाने की दिशा में पहल करनी चाहिए। आरबीआई ने कहा कि इंटर ऑपरेबल QR कोड्स का स्टैंडर्डाइज और सुधार का प्रोसेस लगातार जारी रहना चाहिए। रिजर्व बैंक ने इससे पहले एक कमिटी स्थापित की थी जो देश में QR कोड के वर्तमान सिस्टम की समीक्षा करे और साथ ही इंटर ऑपरेबल QR कोड्स की दिशा में उठाए जाने वाले कदम के बारे में सुझाव दे।
तेजी से बढ़ा है यूपीआई पेमेंट
देश में यूपीआई पेमेंट्स पिछले दो सालों से तेजी से बढ़ा है। खासकर यह तब से ज्यादा बढ़ा है जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया मिशन शुरु किया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 से 2020 के दौरान यूपीआई से लेन-देन का वोल्यूम करीबन 13 गुना बढ़ा है जबकि इसका वैल्यू 20 गुना बढ़ा है। इसी साल अगस्त महीने में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक ट्वीट में कहा था कि यूपीआई से लेन-देन सालाना आधार पर 18 अरब को पार कर गया है।