नई दिल्ली10 घंटे पहले
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- योजना के तहत एक व्यक्ति को हर महीने 5 किलो चावल या गेहूं दिया जाता है
- गरीब सीनियर सिटीजन, विधवा और दिव्यांग को हर महीने 500 रुपए मिलते हैं
- मार्च में की गई थी योजना की घोषणा, मई में नवंबर तक के लिए बढ़ाया गया
कोविड-19 के आर्थिक असर से निपटने के लिए केंद्र सरकार प्रोत्साहन पैकेज 3.0 लाने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार इस प्रोत्साहन पैकेज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) को अगले साल मार्च तक के लिए बढ़ा सकती है। गरीबों और कोविड-19 से प्रभावित परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए इस योजना की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
मांग बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा के उपायों पर फोकस
एक सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रोत्साहन पैकेज 3.0 में मांग बढ़ाने वाले और सामाजिक सुरक्षा देने वाले उपायों पर फोकस किया गया है। इस पैकेज का राजनीतिक महत्व भी काफी होगा। इसका कारण यह है कि इस पैकेज की घोषणा बिहार विधानसभा के चुनावों और 11 राज्यों के उपचुनावों के दौरान की जा सकती है।
नवंबर तक लागू है PMGKY
कोरोनावायरस महामारी से बचने के उपायों के तहत PMGKY की घोषणा मार्च में की गई थी। शुरुआत में इसे तीन महीने के लिए यानी जून तक के लिए लागू किया गया था। मई में सरकार ने इसे पांच महीने के लिए बढ़ाते हुए नवंबर तक के लिए लागू कर दिया था।
PMGKY के लाभ
- PMGKY के तहत सरकार एक व्यक्ति को एक महीने में 5 किलो चावल या गेहूं मुफ्त देती है। करीब 81 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।
- 19.4 करोड़ हाउसहोल्ड को हर महीने 1 किलो चना मुफ्त दिया जाता है। यह अनाज नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत दिया जा रहा है।
- इसके अलावा 20 करोड़ जन-धन खातों और 3 करोड़ गरीब सीनियर सिटीजन, विधवा और दिव्यांगों को कैश ट्रांसफर की स्कीम को भी तीसरे प्रोत्साहन पैकेज में शामिल किया जा सकता है।
- यह कैश ट्रांसफर स्कीम भी PMGKY का हिस्सा है।
सरकार का वादा-किसी भी परिवार को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा
जुलाई में कैबिनेट के एक बयान में सरकार ने वादा किया था कि अनाज की कमी के कारण अगले पांच महीनों में किसी भी परिवार को भूखा नहीं रहने देगी। माना जा रहा है कि अपने इसी वादे को निभाने के लिए सरकार PMGKY स्कीम की अवधि का बढ़ा सकती है।
कोरोना का कारण लाखों भारतीय गरीब होंगे
वर्ल्ड बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण लाखों भारतीय गरीब हो जाएंगे। वर्ल्ड बैंक ने अगस्त में एक बयान में कहा था कि भारत की आधी आबादी कोविड-19 से पहले भी गरीबी की चपेट में थी। पिछले दो दशक में गरीबी घटने के बावजूद इनका कंजप्शन लेवल गरीबी रेखा के करीब था। नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस के डाटा में कहा गया था कि 30 दिन बिना काम हाउसहोल्ड के कंजप्शन खर्च को 10 फीसदी घटा सकता है।
वित्त मंत्री ने दिया था तीसरे प्रोत्साहन पैकेज का संकेत
बीते सप्ताह ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरे प्रोत्साहन पैकेज का संकेत दिया था। वित्त मंत्री ने कहा था कि कोरोनावायरस महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक हालातों से निपटने के लिए सरकार के पास एक और प्रोत्साहन पैकेज का विकल्प मौजूद है। इससे पहले ही सरकार ने दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इसमें सरकारी कर्मचारियों को 10 हजार रुपए एडवांस और एलटीसी के बदले कैश वाउचर शामिल थे।
मई में घोषित किया गया था 20.97 लाख करोड़ रुपए का पैकेज
कोविड-19 के कारण पैदा हुए आर्थिक हालातों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने मई में 20.97 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का गारंटी मुक्त लोन समेत कई उपाय शामिल थे।