न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Mon, 02 Nov 2020 12:23 PM IST
रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पासवान राज्य के बड़े नेता थे और केंद्रीय मंत्री भी थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ। उनके मौत की खबर भी देर से दी गई। इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर सवाल खड़ा किया है। रिजवान ने कहा, देश की जनता ये जानना चाहती है कि आखिर चिराग पासवान रामविलास पासवान से जुड़ी कौन सी जानकारी छिपा रहे हैं।
प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश के बड़े दलित नेता एवं आपके मंत्रिमंडल के सदस्य रहे रामविलास पासवान का कुछ दिन पहले देहांत हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।
Bihar: Hindustani Awam Morcha (HAM) writes to PM Narendra Modi demanding investigation into the death of LJP leader Ram Vilas Paswan.
“There are several doubts that bring his son Chirag Paswan in question,” reads the letter. pic.twitter.com/we0GqKfB0b
— ANI (@ANI) November 2, 2020
पत्र में कहा गया कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान उनके अंतिम संस्कार के दूसरे दिन ही एक शूटिंग के दौरान ना केवल हस्ते मुस्कुराते दिखाई दिए, बल्कि शूटिंग भी की। ऐसे में रामविलास जी के प्रशंसकों एवं परिजनों के बीच कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
दानिश रिजवान ने पत्र में कहा कि किसी केंद्रीय मंत्री के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने रामविलास पासवान का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया। आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने राम विलास पासवान से सिर्फ तीन लोगों को ही मिलने की इजाजत दी गई थी।
पत्र में कहा गया कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए रामविलास पासवान के निधन की न्यायिक जांच कराने की कृपा की जाए, ताकि जनता के बीच सच सामने आ सके।