American school included the story of ‘Forest man of India’, Jadav Payeng from assam in its curriculum , who makes barren land a forest, aims to inspire children | अमेरिका के स्कूल ने अपने करिकुलम में शामिल की बंजर जमीन को जंगल बनाने वाले जादव पायंग की कहानी, बच्चों को प्रेरित करना है मकसद

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एक घंटा पहले

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‘फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया’, जादव पायंग की इंस्पिरेशन स्टोरी अब अमेरिका के एक स्कूल के करिकुलम में शामिल हो चुकी है। असम के रहने वाले 57 वर्षीय जादव पायंग एक किसान है, जिन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर अकेले ही 550 एकड़ बंजर जमीन पर जंगल विकसित किया था। ब्रिस्टल क्नैक्टिकट स्थित ग्रीन हिल्स स्कूल में टीचर नवमी शर्मा के मुताबिक स्टूडेंट्स को पद्म श्री जादव पायंग के बारे में इकोलॉजी के लेसन में पढ़ने को मिलेगा।

भावी पीढ़ी को प्रेरित करना है मकसद

उन्होंने बताया कि बच्चों को इस बारे में पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को प्रेरित और प्रोत्साहित करना है। इसका मकसद बच्चों को यह बताना है कि सही दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी व्यक्ति दुनिया में किस तरह एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। माजुली के पड़ोसी जोरहाट जिले की रहने वाली शिक्षिका शर्मा कहती है कि स्टूडेंट्स को पाठ्यक्रम के तौर पर पायंग के बारे में दो डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। उन्होंने कहा कि, “यह मेरे लिए बहुत गर्व का पल है, जब मैं देखती यह हूं कि पायंग का योगदान विश्व स्तर पर पहचाना जा रहा है।”

स्टूडेंट्स को पर्यावरण की मिलेगी जानकारी

ग्रीन हिल्स स्कूल में ही पढ़ाने वाली डॉन किलियन ने एक मीडिया वेबसाइट को बताया कि पायंग की कहानी प्रेरणादायक है, क्योकि उन्होंने एक इकोलॉजिकल समस्या से प्रेरत होकर कम उम्र में ही इसे सुधारने की दिशा में अपना कदम बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इसे पढ़ने से हमारे स्टूडेंट्स को पर्यावरण के बारे में जानने और उसकी रक्षा करने की प्रेरणा मिलेगी। साथ ही यह भी सीखने को मिलेगा कि हर व्यक्ति का एक छोटा सा काम भी पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।”

बंजर जमीन पर लगाएं पेड़

पूर्वी असम के माजुली द्वीप (अब एक जिला) के इकोलॉजिकल स्टेट में आई गिरावट से चिंतित पायंग ने बंजर रेतीली जमीन पर पेड़ लगाने शुरू किए और उनके इस प्रयास ने उस बंजर जमीन को घने जंगल में बदल दिया। आज इस जंगल में हाथी, हिरण, गैंडे, बाघ समेत कई अन्य जानवर रहते हैं। वहीं, इस बारे में जब जादव पायंग से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह जानकर खुश है कि अमेरिका में स्टूडेंट्स उनके काम के बारे में पढ़ रहे हैं।

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