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रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (68) अगले साल पूर्वार्द्ध में ही पार्किंसन बीमारी के चलते अपना पद छोड़ सकते हैं। करीब 20 साल से देश की सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए रखने वाले पुतिन आगे भी सत्ता पर पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी रूस की संसद क्रेमलिन में जरूरी संशोधन कर चुके हैं। लेकिन अब दुनिया के इस मजबूत स्तंभ में पार्किंसन बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।
ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने क्रेमलिन से जुड़े एक विश्लेषक के हवाले से कहा है कि पुतिन की 37 वर्षीय गर्लफ्रेंड अलीना कबाइवा (जिमनास्ट) और उनकी दो बेटियां उन्हें इस्तीफा देने के लिए जोर डाल रही हैं।
मॉस्को के राजनीतिक विश्लेषक वलेरी सोलोवेई ने कहा है कि पुतिन का एक परिवार है और उसका रूसी राष्ट्रपति पर गहरा प्रभाव है। ऐसे में पुतिन जनवरी में सत्ता का हस्तांतरण किसी अन्य को कर सकते हैं।
पुतिन के इस्तीफा देने की अटकलें ऐसे समय में तेज हुई हैं जब रूसी सांसद राष्ट्रपति को आपराधिक कार्रवाई से आजीवन छूट देने संबंधी विधेयक को लाने पर विचार कर रहे हैं। इस नए विधेयक को खुद पुतिन ने ही पेश किया था और इसके मुताबिक पुतिन के जिंदा रहने तक उन्हें कानूनी कार्रवाई से छूट रहेगी और राज्य की ओर से उन्हें सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी। यह विधेयक सत्ता हस्तांतरण का संकेत भी माना जा रहा है।
पैरों को इधर से उधर करते देखे गए पुतिन
मॉस्को के राजनीतिक विश्लेषक वलेरी सोलोवेई ने बताया कि एक फुटेज की समीक्षा में पाया गया कि पुतिन हाल ही में अपने पैरों को लगातार इधर से उधर करते देखे गए। वे दर्द से पीड़ित थे और इस दौरान वे अपनी उंगलियां भी चटकाते देखे गए। उन्होंने हाथ में एक कप पकड़ा हुआ था जिसमें संभवत: दवा होने का दावा किया गया है।
जल्द होगा नए पीएम का चुनाव
जानकारी के मुताबिक रूस में जल्दी ही एक नए पीएम का चुनाव किया जाएगा जिसे पुतिन के संरक्षण में प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण से आश्वस्त होने के बाद ब्लादिमीर पुतिन अपना पद छोड़ देंगे। बता दें कि कुछ माह पूर्व ही रूस की संसद में ऐसा संशोधन कानून लाया गया था जिसके तहत पुतिन 2026 तक देश के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। लेकिन बीमारी इसमें बाधा बन सकती है।
ये है पार्किंसन बीमारी
पार्किंसन रोग एक ऐसा मानसिक रोग है, जिसमें मानव शरीर में कंपकंपी, कठोरता, चलने में परेशानी और संतुलन व तालमेल में कई समस्याएं होती हैं। पार्किंसन रोग की शुरुआत सामान्य बीमारी की तरह होती है, जो कुछ समय बाद गंभीर रूप ले लेती है। इसके लक्षण या संकेत अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं।
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (68) अगले साल पूर्वार्द्ध में ही पार्किंसन बीमारी के चलते अपना पद छोड़ सकते हैं। करीब 20 साल से देश की सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए रखने वाले पुतिन आगे भी सत्ता पर पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी रूस की संसद क्रेमलिन में जरूरी संशोधन कर चुके हैं। लेकिन अब दुनिया के इस मजबूत स्तंभ में पार्किंसन बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।
ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने क्रेमलिन से जुड़े एक विश्लेषक के हवाले से कहा है कि पुतिन की 37 वर्षीय गर्लफ्रेंड अलीना कबाइवा (जिमनास्ट) और उनकी दो बेटियां उन्हें इस्तीफा देने के लिए जोर डाल रही हैं।
मॉस्को के राजनीतिक विश्लेषक वलेरी सोलोवेई ने कहा है कि पुतिन का एक परिवार है और उसका रूसी राष्ट्रपति पर गहरा प्रभाव है। ऐसे में पुतिन जनवरी में सत्ता का हस्तांतरण किसी अन्य को कर सकते हैं।
पुतिन के इस्तीफा देने की अटकलें ऐसे समय में तेज हुई हैं जब रूसी सांसद राष्ट्रपति को आपराधिक कार्रवाई से आजीवन छूट देने संबंधी विधेयक को लाने पर विचार कर रहे हैं। इस नए विधेयक को खुद पुतिन ने ही पेश किया था और इसके मुताबिक पुतिन के जिंदा रहने तक उन्हें कानूनी कार्रवाई से छूट रहेगी और राज्य की ओर से उन्हें सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी। यह विधेयक सत्ता हस्तांतरण का संकेत भी माना जा रहा है।
पैरों को इधर से उधर करते देखे गए पुतिन
मॉस्को के राजनीतिक विश्लेषक वलेरी सोलोवेई ने बताया कि एक फुटेज की समीक्षा में पाया गया कि पुतिन हाल ही में अपने पैरों को लगातार इधर से उधर करते देखे गए। वे दर्द से पीड़ित थे और इस दौरान वे अपनी उंगलियां भी चटकाते देखे गए। उन्होंने हाथ में एक कप पकड़ा हुआ था जिसमें संभवत: दवा होने का दावा किया गया है।
जल्द होगा नए पीएम का चुनाव
जानकारी के मुताबिक रूस में जल्दी ही एक नए पीएम का चुनाव किया जाएगा जिसे पुतिन के संरक्षण में प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण से आश्वस्त होने के बाद ब्लादिमीर पुतिन अपना पद छोड़ देंगे। बता दें कि कुछ माह पूर्व ही रूस की संसद में ऐसा संशोधन कानून लाया गया था जिसके तहत पुतिन 2026 तक देश के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। लेकिन बीमारी इसमें बाधा बन सकती है।
ये है पार्किंसन बीमारी
पार्किंसन रोग एक ऐसा मानसिक रोग है, जिसमें मानव शरीर में कंपकंपी, कठोरता, चलने में परेशानी और संतुलन व तालमेल में कई समस्याएं होती हैं। पार्किंसन रोग की शुरुआत सामान्य बीमारी की तरह होती है, जो कुछ समय बाद गंभीर रूप ले लेती है। इसके लक्षण या संकेत अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं।
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Sat Nov 7 , 2020
1 of 1 khaskhabar.com : शुक्रवार, 06 नवम्बर 2020 8:17 PM पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तीसरे और अंतिम चरण के शनिवार को होने वाले मतदान में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के अलावा नीतीश कुमार सरकार के 12 मंत्रियों का सियासी भविष्य भी दांव पर लगा है। तीसरे […]