- Hindi News
- Business
- Research Analyst At Antique Stock Broking Gave Rs 27.89 Lakh To SEBI For Settlement
मुंबई11 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

सेबी ने जांच में पाया कि एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग ने वॉट्सऐप के जरिए विप्रो के रिजल्ट की जानकारियां लीक की। इसी के बाद सेबी ने सेटलमेंट चार्ज लगाया
- इससे पहले बजाज ऑटो, अंबूजा सीमेंट, विप्रो, माइंडट्री जैसे स्टॉक में भी एंटिक पर फाइन लगी है
- श्रुति वोरा को बाटा इंडिया में 15 लाख रुपए सेटलमेंट के लिए सेबी के पास भरना पड़ा था
एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग के रिसर्च एनालिस्ट गोविंद अग्रवाल ने सेबी के साथ एक मैटर में सेटलमेंट किया है। इसके एवज में उन्होंने 27.89 लाख रुपए का भुगतान किया है। हालांकि एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग पर इससे पहले भी सेबी ने कई बार फाइन लगाया है।
शुक्रवार को सेबी ने सर्कुलर में दी जानकारी
सेबी ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी कर यह जानकारी दी है। सेबी ने कहा कि गोविंद अग्रवाल एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग में रिसर्च एनालिस्ट हैं। 18 जनवरी 2017 को उन्होंने विप्रो कंपनी के रेवेन्यू और टैक्स के बाद लाभ की जानकारी वाट्सऐप ग्रुप में सकुर्लेट की। यह वाट्सऐप ग्रुप मार्केट चैटर का ग्रुप था। इसी बीच सेबी ने एंटिक स्टॉक में ही काम करनेवाली श्रुति वोरा के मोबाइल को जब्त किया।
यह भी पढ़ें-
विप्रो के रिजल्ट की दी थी जानकारी
सेबी ने जांच की तो पता चला कि विप्रो के रिजल्ट से पहले ही एंटिक स्टॉक के एनालिस्ट ने इसकी खबर वाट्सेएप के जरिए लीक कर दी थी। सेबी के नियमों के मुताबिक रिजल्ट आने से पहले इस तरह की सूचनाएं लीक नहीं की जा सकती हैं। कारण कि इसका पॉजिटिव या निगेटिव असर कंपनी के शेयर पर पड़ता है। कहा जा रहा है कि गोविंद अग्रवाल विप्रो की एनालिस्ट की मीटिंग में गए थे। वहां की जानकारी उन्होंने लीक की।
ग्रुप में कई लोगों को भेजा गया मैसेज
सेबी ने जांच किया तो पाया कि श्रुति के साथ कई लोगों को यह मैसेज मिला था। इस मामले में सेबी ने गोविंद अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसी नोटिस के बाद गोविंद अग्रवाल ने मैटर को सेटलमेंट करने की अपील की। सेबी ने इस मामले में 22 जुलाई 2020 को मीटिंग की और अग्रवाल की अपील को स्वीकार कर लिया। इसके बाद अग्रवाल ने इस मामले में 27.89 लाख रुपए भरकर सेटलमेंट कर लिया।
यह भी पढ़ें-
बाटा इंडिया में 15 लाख का सेटलमेंट
बता दें कि इससे पहले श्रुति वोरा को बाटा इंडिया में 15 लाख रुपए सेटलमेंट के लिए भरना पड़ा था। इससे पहले बजाज ऑटो, अंबूजा सीमेंट, विप्रो, माइंडट्री और एशियन पेंट्स जैसे स्टॉक में भी श्रुति वोरा ने इसी तरह से गुप्त जानकारियों को लीक किया था।
कई बार लगी है फाइन
हालांकि इतने मामले होने के बाद भी सेबी उन पर बस सेटलमेंट चार्ज लगाता है। बाजार के जानकार कहते हैं कि अगर बार-बार कोई जान बूझकर ऐसी हरकत कर रहा है तो सेबी को चाहिए कि उसे बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगाए और साथ ही ब्रोकिंग पर भी प्रतिबंध लगाए। लेकिन सेबी हर बार बस एक सेटलमेंट चार्ज लगाकर छोड़ देता है, जिससे बार-बार श्रुति वोरा जैसे लोग इस तरह का काम कर रहे हैं।