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- Income Tax Refund ; Corona ; Corona Crisis ; Coronavirus ; Income Tax Department Issued Tax Refund Of Rs 71,229 Crore To More Than 21 Lakh Taxpayers Between April 8 And July 11
नई दिल्ली6 घंटे पहले
कोरोना के कारण लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए जल्दी रिफंड लौटाने का काम चल रहा है
- 19.79 लाख करदाताओं को 24,603 करोड़ रुपए का व्यक्तिगत आयकर रिफंड जारी किया गया
- 1.45 लाख कॉरपोरेट करदाताओं को 46,626 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया
आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) ने 8 अप्रैल से 11 जुलाई के बीच 21.24 लाख करदाताओं को 71,229 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए हैं। जारी किए गए रिफंड में 24,603 करोड़ रुपए का रिफंड 19.79 लाख इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को जारी किया गया। वहीं, कॉरपोरेट टैक्स के तहत 1.45 लाख करदाताओं को 46,626 करोड़ रुपए दिए गए। कोरोना के कारण लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए जल्दी रिफंड लौटाने का काम चल रहा है।
8 अप्रैल से 30 जून के बीच 20 लाख से करदाताओं को रिफंड जारी किया
आयकर विभाग ने 8 अप्रैल से 30 जून के बीच 20 लाख से ज्यादा करदाताओं को 62,361 करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड जारी किए थे। जारी किए गए रिफंड में 19.07 लाख करदाताओं को 23,453.57 करोड़ रुपए का व्यक्तिगत आयकर (PIT) रिफंड जारी किए गए थे। वहीं 1.36 लाख कॉरपोरेट करदाताओं को 38,908.37 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया।
इस तरह चेक कर सकते हैं अपने रिफंड का स्टेटस
- करदाता https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refundstatuslogin.html पर जा सकते हैं।
- रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यह दो जानकारी भरने की जरूरत है – पैन नंबर, जिस साल का रिफंड बाकी है वह साल भरिए।
- अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।
- इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।
- इसके अलावा टैक्सपेयर इनकम टैक्स पोर्टल में अपने इनकम टैक्स खाते में लॉग इन करें।
- लॉग इन करने के बाद माय अकाउंट्स> रिफंड/डिमांड स्टेटस पर क्लिक करें।
- इसके बाद वह असेसमेंट ईयर भरें जिसका आपको रिफंड स्टेट चेक करना है।
क्या होता है रिफंड?
कंपनी अपने कर्मचारियों को सालभर वेतन देने के दौरान उसके वेतन में से टैक्स का अनुमानित हिस्सा काटकर पहले ही सरकार के खाते में जमा कर देती है। कर्मचारी साल के आखिर में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, जिसमें वे बताते हैं कि टैक्स के रूप में उनकी तरफ से कितनी देनदारी है। यदि वास्तविक देनदारी पहले काट लिए गए टैक्स की रकम से कम है, तो शेष राशि रिफंड के रूप में कर्मचारी को मिलती है।