गुरुवार को राजधानी पटना में पूरे दिन सियासी गहमागहमी जारी रही। राजग और महागठबंधन के घटक दलों की बैठक अलग-अलग जगहों पर हुई। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश से मुलाकात की और विधानसभा अध्यक्ष पद की मांग की। भाजपा चाहती है कि इस बार विधानसभा अध्यक्ष का पद उसके पास रहे, लेकिन नीतीश इसके लिए तैयार नहीं हुए। सब ठीक रहा तो 16 नवंबर को नीतीश मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पार्टी विधायकों के साथ नीतीश से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन पत्र सौंपा। जदयू प्रमुख नीतीश ने पार्टी के नवनिर्वाचित सदस्यों से मुलाकात की, जहां उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इस दौरान पार्टी के बड़े नेताओं से सरकार की रूपरेखा पर चर्चा भी हुई।
दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर महागठबंधन के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस और वाम दलों के विधायक भी शामिल हुए। महागठबंधन के विधायकों ने राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए उन्हें विधायक दल का नेता चुना। बैठक में मौजूद भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस की जिद की वजह से महागठबंधन सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं छू पाई।
बिहार में सामाजिक न्याय वाली राजनीति पर यादवों का दबदबा
बिहार विधानसभा में इस बार जातिगत समीकरण बदला नजर आएगा। इस बार अलग-अलग जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व तो सदन में दिखेगा ही, लेकिन वर्चस्व पिछड़ों और अति पिछड़ों का ही रहेगा। विधानसभा पहुंचने वाली जातियों की बात की जाए तो इस बार सर्वाधिक यादव जाति के लोग विधानसभा पहुंचे हैं। किसी एक जाति के सर्वाधिक 54 सदस्य यादव जाति के हैं, जबकि अन्य पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों से सदन में आने वालों की संख्या 46 है।
बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण अब भी महत्वपूर्ण भूमिका में है। नई विधानसभा में 40 प्रतिशत से अधिक पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के सदस्य पहुंचे हैं। बिहार में बहुलता रखने वाले वाले यादवों की बात करें तो राजग से 14 और महागठबंधन से 41 यादव जीते हैं। पिछले चुनाव की तुलना में यह संख्या सात कम है। नई विधानसभा में सवर्ण जाति के प्रतिनिधियों की संख्या 64 होगी। इनमें राजग के 45, महागठबंधन के 17 और लोजपा और निर्दलीय एक-एक हैं। इनमें राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, कायस्थ शामिल हैं।
मुस्लिम सदस्यों की संख्या 20 है, जिसमें 14 महागठबंधन से, पांच एआईएमआईएम और एक बसपा से जीते हैं। 39 दलित और महादलित सदस्य भी सदन में बैठेंगे। इनमें राजग कोटे के 22 और महागठबंधन के 17 सदस्य हैं। जबकि विधानसभा पहुंचने वाले वैश्य चेहरों की संख्या 20 है। इनमें से 14 राजग से हैं।
जीतन राम मांझी चुने गए ‘हम’ विधायक दल के नेता
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया है। पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की गुरुवार को पटना में एक बैठक हुई, जिसमें सबकी सहमति से पार्टी प्रमुख मांझी को विधायक दल का नेता चुना गया।
पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि मांझी को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मांझी पहले ही घोषणा कर चुके हैं, वे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि वे मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इससे पहले हम के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मांझी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। बताया गया इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मंत्रिमंडल के गठन और सरकार बनाने को लेकर चर्चा भी हुई है।