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- Delhi High Court Slams CBSE, Told Board’s Attitude, Anti student, Case Will Now Be Heard On February 5
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एक घंटा पहले
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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) को उसके ‘छात्र विरोधी’ रवैये के लिए फटकार लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बोर्ड कई मामलों में स्टूडेंट्स को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाकर उनके साथ दुश्मन की तरह व्यवहार कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की बैंच ने बात बोर्ड द्वारा एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कही।
एकल पीठ के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा बोर्ड
दरअसल, एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा गया था कि जिन स्टूडेंट्स की कोरोना के कारण बोर्ड परीक्षा रद्द हो गई, उनके लिए भी CBSE की पुनर्मूल्यांकन सुधार योजना लागू होगी। ऐसे छात्र भी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। कोर्ट ने कहा कि हम बोर्ड का छात्र विरोधी रुख पसंद नहीं करते। आप स्टूडेंट्स को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक खींच रहे हैं। वे पढ़ाई करें या कोर्ट जाएं?
स्टूडेंट्स के साथ बोर्ड का व्यवहार दुश्मन जैसा: कोर्ट
सुनवाई के दौरान बैंच ने कहा कि CBSE स्टूडेंट्स के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार कर रहा है। बैंच ने यह भी कहा कि अगर यह योजना सभी स्टूडेंट्स पर लागू होती है, तो इसमें नुकसान कैसे है? इससे पहले 14 अगस्त की सुनवाई में एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि महामारी के कारण बोर्ड की रद्द परीक्षा से प्रभावित स्टूडेंट्स के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मूल्यांकन की जिस योजना को मंजूरी दी है, वह अंक सुधार परीक्षा में बैठने वाले छात्रों पर भी लागू होगी, क्योंकि वे भी महामारी से समान रूप से पीड़ित हैं।
5 फरवरी को होगी सुनवाई
मामले में सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश की बैंच ने CBSE को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई भूचाल नहीं आ रहा था कि आप इस समय कोर्ट आए हैं। बैंच ने कहा कि स्टूडेंट्स को कोर्ट में घसीटने की बजाए बोर्ड को स्पष्टीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी, 2021 को की जाएगी
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