National Education Policy 2020: IITs will also teach humanities and arts, aiming to spend 6% of country’s GPD on education sector | IITs में तकनीकी विषयों के साथ ह्यूमैनिटीज और आर्ट्स को भी बढ़ावा मिलेगा, देश के सभी इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होगा

  • Hindi News
  • Career
  • National Education Policy 2020: IITs Will Also Teach Humanities And Arts, Aiming To Spend 6% Of Country’s GPD On Education Sector

2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
  • अब MHRD का नया नाम होगा Ministry of Education
  • देश के सभी कॉलेजों में म्यूजिक और थिएटर को बढ़ावा मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) को मंजूरी दे दी गई है। 34 साल बाद देश की शिक्षा नीति में बदलाव हुए हैं। सरकार ने 2035 तक हायर एजुकेशन में 50% एनरोलमेंट का लक्ष्य तय किया है।

नई शिक्षा नीति के तहत तकनीकी संस्थानों में भी आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज के विषय पढ़ाए जाएंगे। साथ ही देश के सभी कॉलेजों में म्यूजिक, थिएटर जैसे कला के विषयों के लिए अलग विभाग स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा।

ऐसे कई फैसले नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट के मुताबिक लिए गए हैं। यह ड्राफ्ट इसरो के वैज्ञानिक रह चुके शिक्षाविद के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में तैयार हुआ था। जानें उन बड़े बदलावों के बारे में जो भारतीय शिक्षा की नई दिशा तय करेंगे।

भारत में कैंपस बना सकेंगी दुनिया भर की यूनिवर्सिटी

भारतीय शिक्षा प्रणाली वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलावों को अपना सके। इसके लिए दुनियाभर की बड़ी यूनिवर्सिटीज को भारत में अपना कैंपस बनाने की अनुमति भी दी जाएगी। कैबिनेट ने एचआरडी (ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट) मिनिस्ट्री का नाम बदलकर मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन करने की मंजूरी भी दी है।

स्किल के साथ कला पर भी जोर देंगे तकनीकी संस्थान

नई शिक्षा नीति के मुताबिक IITs समेत देश भर के सभी तकनीकी संस्थान होलिस्टिक अप्रोच ( समग्र दृष्टिकोण) को अपनाएंगे। इसके तहत इंजीनियरिंग के साथ-साथ तकनीकी संस्थानों में आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज से जुड़े विषयों पर भी जोर दिया जाएगा। साथ ही स्किल आधारित विषयों को भी सिलेबस में शामिल किया जाएगा।

सभी इंस्टीट्यूट के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम

नई शिक्षा नीति में देश भर के सभी इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए एक कॉमन एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराए जाने की बात भी कही गई है। यह एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) कराएगा। हालांकि, यह ऑप्शनल होगा। सभी स्टूडेंट्स के लिए इस एग्जाम में शामिल होना अनिवार्य नहीं रहेगा।

क्षेत्रीय भाषाओं में भी होंगे ऑनलाइन कोर्स

स्टूडेंट्स अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे। आठ प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के अलावा कन्नड़, उड़िया और बंगाली में भी ऑनलाइन कोर्स लॉन्च किए जाएंगे। वर्तमान में अधिकतर ऑनलाइन कोर्स इंग्लिश और हिंदी में ही उपलब्ध हैं।

GDP का 6% शिक्षा पर खर्च होगा

नई शिक्षा नीति में GDP का 6% हिस्सा एजुकेशन सेक्टर पर खर्च किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में केंद्र और राज्य को मिलाकर GDP का कुल 4.43% बजट ही शिक्षा पर खर्च किया जाता है।

2 लाख सुझावों के बाद तैयार हुई नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को लेकर सरकार ने सुझाव भी आमंत्रित किए थे। मंत्रालय का कहना है कि इस ड्राफ्ट को लेकर 2 लाख से ज्यादा सुझाव आए। इन सुझावों का विश्लेषण करने के बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई।

1986 में बनी थी शिक्षा नीति

34 साल पहले यानी 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी। करीब तीन दशक से इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। इसकी समीक्षा के लिए 1990 और 1993 में कमेटियां भी बनाई गईं थीं।

0

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

NBFC assets may de-grow 1-3 per cent in FY21 as fresh disbursements drop sharply: Crisil

Wed Jul 29 , 2020
Excluding the top five NBFCs, the de-growth is expected to be even sharper at 7-9 per cent, it added. Assets under management of non-banking financial companies are likely to witness a decline in the current fiscal as fresh disbursements have witnessed a substantial drop, says a report. According to a […]

You May Like