National Education Policy 2020|10 + 2 formula finish; Now studies will be done on the basis of 5 + 3 + 3 + 4 pattern, it will take a total of 15 years to complete class 12th | 10+2 फाॅर्मूला खत्म; अब 5+3+3+4 पैटर्न के आधार पर होगी पढ़ाई, 12वीं तक कुल 15 साल लगेंगे

  • Hindi News
  • Career
  • National Education Policy 2020|10 + 2 Formula Finish; Now Studies Will Be Done On The Basis Of 5 + 3 + 3 + 4 Pattern, It Will Take A Total Of 15 Years To Complete Class 12th

33 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
  • छठवीं से ही कोडिंग और वाेकेशनल काेर्स भी शुरू हो जाएंगे; साइंस-आर्ट्स संकायों में अब अंतर नहीं हाेगा
  • 5वीं तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में ही पढ़ाई करेंगे बच्चे;शिक्षा पर अब जीडीपी का 6% खर्च होगा

केंद्र सरकार ने बुधवार काे नई शिक्षा नीति काे मंजूरी दे दी। इसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव हैं। अब स्कूली शिक्षा के लिए 10+2 फाॅर्मूले के बजाय 5+3+3+4 का पैटर्न अपनाया जाएगा। पांचवीं तक बच्चे मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में ही पढ़ेंगे। छात्राें काे मनपसंद विषय चुनने के कई विकल्प मिलेंगे। आर्ट्स-साइंस, करिकुलर-एक्स्ट्रा करिकुलर और व्यावसायिक- शैक्षणिक विषयों के बीच अंतर नहीं हाेगा। छठी से काेडिंग सिखाई जाएगी। छठी कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा शुरू हो जाएगी। इसमें इंटर्नशिप भी शामिल होगी।

34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव

21वीं सदी में यह भारत की पहली शिक्षा नीति है। भारत ने 34 साल बाद अपनी शिक्षा नीति बदली है। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1986 में शिक्षा नीति बनवाई थी। शिक्षा नीति पर कैबिनेट बैठक में हुए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया कि शिक्षा पर जीडीपी का 4.4% खर्च हो रहा है। इसे 6% किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है।

ऐसे समझें 5+3+3+4 सिस्टम के मायने क्या?

3 साल की आंगनवाड़ी/प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी। इन वर्षों को 4 वर्गों में बांटा गया है। पहले वर्ग में 3 से 6 साल के छात्र होंगे। इन्हें प्री प्राइमरी से लेकर दूसरी तक शिक्षा दी जाएगी। दूसरे वर्ग में तीसरी से पांचवीं तक का पाठ्यक्रम होगा। तीसरे वर्ग में छठी से आठवीं के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसी दाैरान सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा। चाैथे वर्ग में नाैंवी से 12वीं तक के छात्र आएंगे। इस दाैरान छात्रों को खास कई विषयों के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर ध्यान दिया जाएगा।

अध्यापक के अलावा खुद छात्र और दोस्त भी करेंगे असेसमेंट

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: नया करिकुलम बनेगा। छात्र का असेसमेंट 3 स्तर पर होगा।
  • पहला स्तर- छात्र खुद असेसमेंट करेगा।
  • दूसरा- उसके साथी भी असेसमेंट करेंगे।
  • तीसरा- अध्यापक असेसमेंट करेंगे। 12वीं पास करते समय पूरी स्कूली शिक्षा का असेसमेंट एआई की मदद से तैयार होगा।
  • छठी से ही इंटर्नशिप: ताकि शुरू से व्यावसायिक शिक्षा शुरू हाे जाएगी।
  • 3.5 करोड़ नई सीटें: ताकि उच्च शिक्षा से ज्यादा से ज्यादा बच्चे जुड़ सके।
  • अपना पाठ्यक्रम भी: अंडर ग्रेजुएट कॉलेज अब और ज्यादा स्वायत्त बनाए जाएंगे। वे अपना सिलेबस और करिकुलम भी तय कर सकते हैं। कॉलेजों को मान्यता देने का सिस्टम 15 साल में खत्म होगा।
  • बीएड कॉलेज बंद होंगे: चार साल का बीएड कोर्स होगा। बीएड कॉलेज बंद होंगे। सामान्य कॉलेज से ही बीएड डिग्री मिलेगी।
  • नौकरी करने पर डिग्री में एक साल की छूट मिलेगी, एमफिल खत्म होगी: रिसर्च में जाने के लिए 4 साल का डिग्री प्रोग्राम होगा। जो लोग नौकरी करना चाहते हैं, वे तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे। रिसर्च में जाने के लिए एक साल के एमए के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद पीएचडी कर सकेंगे।
  • शिक्षकों का पाठ्यक्रम: एनसीटीई अध्यापक शिक्षण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा- एनसीएफटीई, 2021 तैयार करेगी।
  • अलग-अलग संस्थाएं कॉलेजों का काम देखेंगी। फंडिग, स्टैंडर्ड सेटिंग, एक्रिडेशन, रेग्यूलेशन के लिए अलग संस्थाएं बनेंगी।
  • वर्टिकल बनेंगे: उच्च शिक्षा के रेगुलेशन हल्के रहेंगे, पर सख्ती बढ़ेगी। एक रेगुलेटर में विभिन्न कार्याें के लिए 4 वर्टिकल बनेंगे
  • विदेशी यूनिवर्सिटी आएंगी: शीर्ष रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटीज को ही भारत में कैंपस खोलने की इजाजत दी जाएगी।

साइंस के साथ इतिहास भी पढ़ सकेंगे

नई शिक्षा नीति के तहत साइंस के छात्र इतिहास या आर्ट्स के काेई अन्य सब्जेक्ट भी पढ़ सकेंगे। अगर छात्र को इसमें दिक्क्त होती है तो सब्जेक्ट ड्रॉप भी कर सकते हंै। लेकिन, पढ़ाई पूरी होने पर मुख्य सब्जेक्ट यानी आर्ट या साइंस संकाय के आधार पर ही डिग्री मिलेगी। नई शिक्षा नीति में यह बात अहम है कि अब छात्र छठी कक्षा से वाेकेशनल शिक्षा के साथ अप्रेंटिस भी करेंगे। जो छात्र 12वीं के बाद काम-धंधा शुरू करना चाहते हैं, उन्हें अप्रेंटिस से मिले व्यावहारिक ज्ञान से फायदा मिलेगा। -के. कस्तूरीरंगन, अध्यक्ष, ड्राफ्टिंग कमेटी

0

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Sensex drops 335 points to finish at 37,736; Nifty tests 11,100 levels

Thu Jul 30 , 2020
(Representative image) NEW DELHI: Equity indices finished in red for the second consecutive session on Thursday with the benchmark BSE sensex falling over 300 points dragged by financial stocks. The 30-share BSE index fell 335 points or 0.88 per cent to close at 37,736. While, the broader NSE Nifty finished […]

You May Like