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- Ruchi Soya Patanjali Share Price BSE Today Latest News Updates; How Is Big Fluctuation In Stocks Less Than One Percent
मुंबईएक घंटा पहले
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- सेबी आने वाले समय में दिवालिया बिक्री वाली कंपनियों के लिए नियम बदल सकती है
- पिछले साल रामदेव की पतंजलि ने रुचि सोया को खरीदा था और शेयरों में तब से भारी उछाल है
पिछले साल दिवालिया होने वाली रुचि सोया के शेयरों में जिस तरह से उतार-चढ़ाव बना है, उससे आनेवाले समय में ऐसी कंपनियों के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है। कारण की शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी अब इस तरह के उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए नियम बदल सकता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि रुचि सोया दिवालिया बिक्री में बाबा रामदेव की पतंजलि को मिली थी और इसके महज 0.97 प्रतिशत शेयर ही पब्लिक के पास है। बाकी सब प्रमोटर्स के पास है।
ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि एक प्रतिशत से भी कम शेयर में कैसे इतना बड़ा उतार-चढ़ाव शेयरों में हो रहा है।
27 करोड़ शेयर प्रमोटर्स के पास हैं
रुचि सोया भारत में मौजूद सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनियों में से एक है। पिछले साल ये कंपनी दिवालिया हो गई थी और तब दिवालिया बिक्री में बाबा रामदेव की पतंजलि ने रुचि सोया को खरीद लिया था। कंपनी की करीब 99.03 फीसदी हिस्सेदारी यानी 27 करोड़ शेयर पतंजलि ग्रुप की 15 कंपनियों के पास है। सिर्फ 0.97 फीसदी शेयर ही निवेशकों के पास है। इसकी दोबारा लिस्टिंग 27 जनवरी 2020 को हुई थी। तब शेयर का भाव 16 रुपए था।
दोबारा लिस्ट होनेवाली कंपनियों के लिए सेबी ने मंगाया कमेंट
दरअसल सिर्फ 0.97 फीसदी पब्लिक शेयर होल्डिंग वाली कंपनी के शेयरों में इतना भारी उछाल ने भारत के शेयर बाजार नियामक को दिवाला प्रक्रिया से निकलने वाली फर्मों के लिए अपने नियमों को बदलने पर विचार करने के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। सेबी ने बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन के बाद कंपनियों को दोबारा लिस्ट कराने के लिए दिये जाने वाली समयावधि के प्रस्ताव पर कमेंट मांगे है।
6 महीने के भीतर फिर से लिस्ट करना होगा दिवालिया कंपनियों को
प्रावधान के मुताबिक कंपनियां अब बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन के छह महीने के भीतर रीलिस्ट करा सकती है। अभी यह समय सीमा 18 महीने की है। इस नियम के तहत ऐसी कंपनियों को अनिवार्य रूप से रीलिस्टिंग के तीन साल के भीतर कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी आम निवेशकों को देनी होगी। यानी प्रमोटर्स की हिस्सेदारी को 75 प्रतिशत पर लाना होगा।
सेबी कर सकती है जांच
असल में रुचि सोया शेयर में इस भारी तेजी के चलते ही कंपनी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। एक दिवालिया कंपनी के लिस्ट होते ही इतनी भारी तेजी ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। खबर यह भी है कि सेबी इस मामले में जांच कर सकती है। फिर से लिस्ट होने के बाद रुचि सोया के शेयर ने महज 5 महीनों में 95 गुना तक रिटर्न दिया. लेकिन अब उसमें गिरावट आने लगी है। रुचि सोया का शेयर 2 महीने में 55 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है।
तिमाही परिणाम में कंपनी घाटे में रही है
तिमाही नतीजों के बाद रुचि सोया के शेयरों में गुरुवार को 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा। आज के कारोबार में रुचि सोया का शेयर 683 रुपए के भाव तक चला गया। रुचि सोया का वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में मुनाफा 13 फीसदी घटकर 12.25 करोड़ रुपए रहा है। कुल आय भी घटकर 3,057.15 करोड़ रुपए रही है। मार्च तिमाही में 41.25 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
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