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- FPI Investment At Its Highest Level In Indian Market, Up To 90% In Select Companies In August
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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एफपीआई द्वारा जुलाई में ज्यादातर खरीदारी तेल और गैस, आईटी, ऑटो, फार्मा और इंश्योरेंस सेक्टर में रहा
- अगस्त महीने में एफपीआई द्वारा घरेलू स्टॉक्स में करीब 40,262 करोड़ रुपए का निवेश हुआ
- अनलॉक चार्टर से मिल रहे छूट के कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।
भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश यानी एफपीआई की जोरदार वापसी हुई है। शेयर बाजार अपने फरवरी के स्तर पर पहुंच गया है। बाजार के जानकारों ने रिकवरी के पीछे बढ़ते एफपीआई निवेश को जिम्मेदार माना है। डाटा के मुताबिक, एफपीआई द्वारा जुलाई में ज्यादातर खरीदारी तेल और गैस, आईटी, ऑटो, फार्मा और इंश्योरेंस सेक्टर में रहा। कुछ स्टॉक्स में तो 90 प्रतिशत तक रैली देखी गई है। हालांकि बाजार के बढ़ते स्तर से विश्लेषकों की चिंताएं भी बढ़ी हैं।
एफपीआई द्वारा निवेश का आंकड़ा उच्चतम स्तर पर
अक्टूबर 2010 के बाद से अब तक एफआईआई द्वारा घरेलू मार्केट में निवेश का आंकड़ा अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। 21 अगस्त तक घरेलू बाजार में एफपीआई द्वारा 40.3 हजार करोड़ रुपए का स्टॉक्स खरीदा, ये आंकडे केवल अक्टूबर 2010 में निवेशित 47.7 हजार करोड़ रुपए से कम है। यानी अक्टूबर 2010 के बाद अगस्त 2020 में पहली बार एफपीआई द्वारा घरेलू बाजार में इतना बड़ा निवेश हुआ। बता दें कि अगस्त महीने में एफपीआई द्वारा घरेलू स्टॉक्स में करीब 40,262 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जबकि पिछले तीन महीनों के दौरान यह आंकड़ा 43,934 करोड़ रुपए का रहा। जबकि हाल के महीनों में एफपीआई निवेश प्राइमरी मार्केट में ही रहा।
बैंक शेयरों ने किया निराश
अगस्त में वीए टेक वबाग के स्टॉक्स में 90.48 प्रतिशत की रैली रही। बता दें कि 30 जून को कंपनी में एफपीआई द्वारा 22.29 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदी गई थी। इसके बाद कंपनी के शेयर में जबरदस्त रैली देखने को मिला। वहीं जून तिमाही के अंत में एफपीआई द्वारा आईडीएफसी बैंक में 37.27 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदी गई थी, जिसके बाद अगस्त महीने के दौरान शेयर में 52 प्रतिशत की रैली देखी गई। ऐसा ही हाल जिंदल स्टैनलेस(हिसार), श्रीराम सिटी यूनियन फायनेंस और बिरला सॉफ्ट जैसी कंपनियों का रहा। इसमें एफपीआई द्वारा 20-25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के बाद अगस्त महीने के दौरान शेयर में 42-50 फीसदी तक तेजी देखी गई।
चुनिंदा सेक्टर में ही रहा निवेश
वर्तमान में एफपीआई के ट्रेंड का आंकलन करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन डाटा के मुताबिक एफपीआई द्वारा जुलाई में ज्यादातर खरीदारी तेल और गैस, आईटी, ऑटो, फार्मा और इंश्योरेंस सेक्टर में रहा। जबकि एफपीआई द्वारा बिकवाली बैंक और फायनेंशियल स्टॉक्स में रहा। दरअसल अगस्त में बैंक स्टॉक्स अच्छे रिटर्न देने में कामयाब नहीं हो पाए। उदाहरण के तौर पर एचडीएफसी बैंक में एफपीआई की हिस्सेदारी 70.16 प्रतिशत रही, लेकिन रिटर्न मात्र 1 प्रतिशत का रहा। ऐसा ही हाल इंडसंड बैंक और कोटक महींद्रा बैंक का रहा। इन बैंकों ने मात्र 2-2 प्रतिशत का ही रिटर्न दिया।
निचले स्तर से शानदार रिकवरी
बीएसई 500 के 104 स्टॉक्स में एफपीआई एक्सपोजर 20 फीसदी से ज्यादा का है। इसमें से 72 स्टॉक्स ने अब तक सेंसेक्स में 2.8 प्रतिशत का रिटर्न दिया। वहीं 23 मार्च को देश व्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद 24 मार्च को जब बाजार खुला तो बीएसई सेंसेक्स 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन इस दौरान भी करीब 16 स्टॉक्स में 100-300 प्रतिशत की बढ़त थी। वहीं सेंसेक्स अपने निचले स्तर से करीब 50 प्रतिशत की रिकवरी कर चुका है। बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 39 हजार के स्तर के पार बंद होने में कामयाब रहा।
केयर रेटिंग का अनुमान है कि अनलॉक चार्टर से मिल रहे छूट के कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। इसके चलते एफपीआई फ्लो स्टॉक्स के लिए सकारात्मक होने की उम्मीद की है।
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