Sc Allows States To Grant Benefit Of Reservation Of Seats To In Service Doctors In Neet Pg Degree Courses – सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दी पीजी कोर्स में इन सर्विस डॉक्टरों को आरक्षण का लाभ देने की अनुमति

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 31 Aug 2020 11:18 AM IST

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
– फोटो : social media

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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राज्यों को नीट स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों में इन-सर्विस डॉक्टरों को सीटों के आरक्षण का लाभ देने की अनुमति दे दी है। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इन-सर्विस डॉक्टरों को आरक्षण देने या न देने की कोई शक्ति नहीं है।
 

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि राज्यों को दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले सरकारी चिकित्सकों को पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देने संबंधी विशेष प्रावधान बनाने का अधिकार है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि राज्यों के पास आरक्षण संबंधी विशेष प्रावधान बनाने के लिए विधायी अधिकार है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह के आरक्षण पर पाबंदी लगाने वाला भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) का नियम मनमाना एवं असंवैधानिक है। पीठ ने कहा कि एमसीआई एक सांविधिक संस्था है तथा आरक्षण संबंधी प्रावधान बनाने का उसे कोई अधिकार नहीं है।

यह फैसला तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन तथा अन्य की याचिका पर दिया गया। याचिका में कहा गया था कि आरक्षण लाभ देने से सरकारी अस्पतालों तथा ग्रामीण इलाकों में कार्यरत पेशेवरों को प्रोत्साहन मिलेगा। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत शरण, न्यायमूर्ति एमआर शाह तथा न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस भी इस पीठ में शामिल हैं।

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राज्यों को नीट स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों में इन-सर्विस डॉक्टरों को सीटों के आरक्षण का लाभ देने की अनुमति दे दी है। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इन-सर्विस डॉक्टरों को आरक्षण देने या न देने की कोई शक्ति नहीं है।

 

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि राज्यों को दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले सरकारी चिकित्सकों को पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देने संबंधी विशेष प्रावधान बनाने का अधिकार है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि राज्यों के पास आरक्षण संबंधी विशेष प्रावधान बनाने के लिए विधायी अधिकार है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह के आरक्षण पर पाबंदी लगाने वाला भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) का नियम मनमाना एवं असंवैधानिक है। पीठ ने कहा कि एमसीआई एक सांविधिक संस्था है तथा आरक्षण संबंधी प्रावधान बनाने का उसे कोई अधिकार नहीं है।

यह फैसला तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन तथा अन्य की याचिका पर दिया गया। याचिका में कहा गया था कि आरक्षण लाभ देने से सरकारी अस्पतालों तथा ग्रामीण इलाकों में कार्यरत पेशेवरों को प्रोत्साहन मिलेगा। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत शरण, न्यायमूर्ति एमआर शाह तथा न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस भी इस पीठ में शामिल हैं।



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