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- Despite The CBDT Order, HDFC Bank And Kotak Mahindra Bank Have Not Removed The Charging Details Of UPI Transaction, The Government Has Decided In The Interest Of Customers
नई दिल्ली8 घंटे पहले
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सीबीडीटी ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि बैंकों को 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद यूपीआई लेन-देन पर वसूल किए गए शुल्कों को तुरंत वापस करना होगा।
- बैंकों को 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद यूपीआई लेन-देन पर वसूल किए गए शुल्कों को तुरंत वापस करना होगा
- यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए बैंकों द्वारा चार्ज वसूलना नियमों के विरुद्ध
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आदेश के बावजूद एचडीएफसी बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक ने अपने आधिकारिक वेबसाइट्स से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई द्वारा लेनदेन पर शुल्क का डिटेल नही हटाया है। पिछले दिनों ही सीबीडीटी ने आदेश जारी कर बैंकों से कहा था कि बैंक अपने ग्राहकों और व्यापारियों से वसूले गए चार्ज या फीस को वापस करें। आदेश के बाद कुछ बैंकों ने अपनी वेबसाइट्स से यूपीआई द्वारा लेनदेन पर चार्ज के डिटेल को हटा दिया था। इसमें आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं।
सीबीडीटी का आदेश
रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए बैंकों द्वारा चार्ज करना नियमों के विरुद्ध है। कर्जदाताओं को ऐसे सभी चार्ज वसूलने पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। फ्री यूपीआई लेनदेन पर कोई भी प्रकार का कैप पीएसएस और आईटी अधिनियम का उल्लंघन होगा।
बैंकों ने नहीं हटाए चार्जिंग डिटेल
आदेश जारी होने के बाद निजी बैंकों ने अपने वेबसाइट्स से यूपीआई लेन-देन का डाटा हटा दिया है, लेकिन एचडीएफसी बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक ने अपने आधिकारिक वेबसाइट्स से चार्जिंग डिटेल नही हटाई है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने अपने आधिकारिक वेबसाइट्स से यूपीआई पर लगने वाले डिटेल को हटा दिया है।
एचडीएफसी बैंक का आधिकारिक वेबसाइट

दरअसल सीबीडीटी ने आदेश जारी कर कहा था कि बैंकों को 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद यूपीआई लेन-देन पर वसूल किए गए शुल्कों को तुरंत वापस करना होगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग करते हुए किए गए लेन-देन पर यदि किसी तरह का शुल्क वसूला है तो वे इसे तत्काल वापस करना होगा और भविष्य में किए गए किसी भी लेन-देन पर शुल्क न लगाने के लिए भी कहा गया है।
नियमों का उल्लंघन
आदेश में कहा कि कई पक्षों से यह जानकारी मिली है कि बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं और कलेक्ट भी कर रहे हैं। वे एक निश्चित सीमा तक फ्री लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद शुल्क वसूले जा रहे है। इस तरह के कार्य भुगतान एवं निपटारा प्रणाली अधिनियम धारा 10 ए और आईटी अधिनियम की धारा 269 एसयू का उल्लंघन करती हैं। नियमों के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी है।
यूपीआई ट्रांजेक्शन पर चार्ज
आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने 3 मई, 2020 से यूपीआई लेन देन पर चार्जेज लगाना शुरू किया था, जबकि एक्सिस बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक ने क्रमशः 1 जून, 2020 और 1 अप्रैल, 2020 से अपने चार्जेज को लागू किया था। हालांकि सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा यूपीआई ट्रांजेक्शन पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं वसूला जा रहा था।
बैंकों का कहना है कि अक्सर ट्रांजेक्शन रियल नहीं होते हैं, जिससे सर्वर पर बेवजह दबाव बनता है, इसलिए बैंकों ने यूपीआई द्वारा बेवजह ट्रांजेक्शन को कम करने के लिए चार्जेज लगाया जा रहा था जिससे बैंक अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस दे पाएंगे।
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