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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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पिछली तिमाही में लाभांश देने की घोषणा करने वाली अधिकतर कंपनियां मिड-कैप और स्मॉलकैप कैटेगरी की हैं
- 15 कंपनियों ने अप्रैल में डिविडेंड पर विचार करने की घोषणा की
- मई में 116 कंपनियों ने निवेशकों को लाभांश देने की घोषणा की
- जून में अन्य 423 कंपनियों के बोर्ड ने डिविडेंड को मंजूरी दी
कोरानावायरस महामारी के कारण कंपनियों का रेवेन्यू घटने के बावजूद बीएसई और एनएसई पर लिस्टेड 554 कंपनियों ने इस साल अप्रैल-जून तिमाही में अपने शेयरधारकों को लाभांश देने की घोषणा की। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के आंकड़ों के मुताबिक 15 कंपनियों ने अप्रैल में डिविडेंड पर विचार करने की घोषणा की। मई में 116 कंपनियों ने निवेशकों को लाभांश देने की घोषणा की। जून में अन्य 423 कंपनियों के बोर्ड ने डिविडेंड को मंजूरी दी। खास बात यह भी है कि इस कारोबारी साल की पहली तिमाही में लाभांश पर विचार करने की घोषणा करने वाली अधिकतर कंपनियां मिड-कैप और स्मॉलकैप कैटेगरी की हैं।
2019-20 में 882 कंपनियों ने लाभांश दिए
पिछले कारोबारी साल (2019-20) में लाभांश देने वाली कंपनियों की संख्या में एक साल पहले के मुकाबले मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। मार्च 2020 में समाप्त हुए कारोबारी साल में 882 कंपनियों ने लाभांश दिए, जबकि मार्च तिमाही में देश कोरानावायरस महामारी की चपेट में आ चुका था। 2018-19 में 878 कंपनियों ने लाभांश दिए थे। 2017-18 में 1,687 कंपनियों ने अपने निवेशकों को लाभांश दिए थे।
बेहतर कारोबारी संभावना वाले सेगमेंट की कंपनियों को लाभांश देने की हिम्मत मिली
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजय कुमार ने कहा कि हर संकट में एक अवसर छुपा होता है। कोरोनावायरस संकट के दौरान टेलीकॉम, फार्माश्यूटिकल्स, आईटी और कई अन्य कारोबारी क्षेत्र में बेहतर संभावना पैदा हुई है। इससे इन सेगमेंट की कंपनियों को लाभांश देने की हिम्मत मिली। बैंक एफडी जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट से कम रिटर्न पाने वाले निवेशकों के लिए निश्चित रूप से यह राहत की बात है।
कई कैश रिच कंपनियों ने डिविडेंड नहीं दिया
हालांकि कई कैश रिच कंपनियों ने इस दौरान लाभांश नहीं दिया। उलटे इन कंपनियों ने कॉस्ट कटिंग का रास्ता अपनाया। इन्होंने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी भी की और कैश बचाने की कोशिश के तहत सैलरी भी घटाई।
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने से कंपनियों को लाभांश देने के लिए बढ़ावा मिला
रेलीगेयर ब्रोकिंग के वीपी-रिसर्च अजीत मिश्र ने कहा कि बजट-2020 में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स कंपनियों पर से हटाने और डिविडेंड हासिल करने वाले शेयरधारकों पर टैक्स देने का भार डालने का प्रस्ताव लाया गया है। कंपनियों द्वारा अधिक लाभांश देने का यह भी एक कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के समय ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में अधिक कारोबार होता है, क्योंकि निवेश ऐसे शेयरों को अधिक सुरक्षित मानते हैं।
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