छौड़ाही22 मिनट पहले
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- पशुपालकों ने जिला पशुपालन पदाधिकारी से वैक्सीनेशन की उठाई मांग
प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों पशुओं के बीच आक्रांत बीमारी से पशुपालकों में हाहाकार मचा हुआ है। दुधारू पशुओं में इस बीमारी से पशुओं में दूध का ह्रास हो रहा है। इस बीमारी में सर्वप्रथम पशुओं के शरीर पर छोटी-छोटी गुठलियां निकलने शुरू हो जाती है। गुठली धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और बढ़ने के कारण 10 या 15 दिनों के अंदर वह चमड़ी पर घाव बनकर गोलाकार रूप में निकल गिरकर घाव का रूप धारण कर लेती है।
पुनः पशुपालक के द्वारा इलाज करवाने के क्रम में लगभग 15 दिन तक इलाज के बाद पशु ठीक हो पाता है। पशु चिकित्सकों की माने तो इस बीमारी को लम्पिंग डिजीज कहा जाता है। कुछ पशुपालक इसे पशुओं का चेचक भी कहते हैं।
सिंहमा ग्राम के पीड़ित पशुपालक अनिल कुमार चौधरी, सुनील कुमार चौधरी, देव कुमार राय पप्पू राय, छलमल राय, शाहपुर के पशुपालक दिनेश चौधरी समेत अन्य पशुपालकों ने जिला पशुपालन पदाधिकारी से प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीन उपलब्ध कराकर कैम्प के माध्यम से पशुओं को वैक्सीनेशन कराने की मांग की है। पशुपालकों ने कहा कि अगर समय पर ईलाज नहीं किया गया तो आनेवाले समय में गरीब पशुपालक इलाज को बेहाल हो जाएंगे।