Bihar Election 2020: Mokama Bahubali MLA Anant Singh | A Look At His Political Journey Of Former Member Of Nitish Kumar JDU Party Anant Kumar Singh | कहानी उस बाहुबली की, जो 9 साल की उम्र में जेल गया, दूसरे की मर्सिडीज जबरन अपने पास रख ली; शौक ऐसे कि घर में ही हाथी-अजगर पाले

  • Hindi News
  • Bihar election
  • Bihar Election 2020: Mokama Bahubali MLA Anant Singh | A Look At His Political Journey Of Former Member Of Nitish Kumar JDU Party Anant Kumar Singh

पटनाएक घंटा पहलेलेखक: प्रियंक द्विवेदी

  • कॉपी लिंक

अनंत सिंह को घोड़ों का भी बहुत शौक है। कहते हैं कि उन्हें जो घोड़ा पसंद आ जाता है, उसे खरीद लेते हैं।

  • अनंत सिंह अभी जेल में बंद हैं और वहीं से मोकामा सीट से चुनाव लड़ेंगे, यहां के लोग कहते हैं- वोट तो दादा को ही देंगे
  • अनंत सिंह कभी नीतीश कुमार के करीबी थे, लेकिन 2015 में दोनों की दोस्ती टूट गई; पिछली बार वो निर्दलीय जीते थे

बिहार की राजधानी पटना से कुछ 70 किलोमीटर दूर पड़ता है बाढ़। इसी बाढ़ में एक गांव है नदमां। इस गांव में 1 जुलाई 1961 को अनंत सिंह का जन्म हुआ। लोग कहते हैं कि जब अनंत सिंह 9 साल के थे, तब पहली बार जेल गए थे। कुछ दिनों में छूटकर भी आ गए थे। अनंत सिंह थे तो चार भाइयों में सबसे छोटे, लेकिन जुर्म की दुनिया में उनका नाम काफी बड़ा है।

कहा तो ये भी जाता है कि अनंत सिंह की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया, जब उनका इस संसार की मोहमाया से ध्यान उचट गया और वैराग्य अपना लिया। लेकिन, यहां भी ज्यादा दिन मन नहीं लगा।

एक जमाने में अनंत सिंह को लोग ‘रॉबिनहुड’ के नाम से भी जानते थे। कहते हैं कि एक बार उन्होंने खुद का एक वीडियो बनवाया, जिसमें वो पटना की सड़कों पर एक बग्घी में सवारी करते दिख रहे थे। इस वीडियो में एक गाना भी बज रहा था, जिसके बोल थे ‘छोटे सरकार’। ये गाना किसी और ने नहीं, बल्कि उदित नारायण ने गाया था।

अनंत सिंह पिछले 13 महीने से जेल में हैं और इस बार मोकामा से जेल के अंदर से ही चुनाव लड़ेंगे। यहां के लोगों से जब हमने पूछा कि वोट किसे देंगे? तो सबका यही जवाब था- ‘कुछ भी हो जाए, वोट तो हम दादा को ही देंगे।’ यहां लोग अनंत सिंह को दादा, अनंत दा और छोटे सरकार कहकर बुलाते हैं।

अनंत सिंह कभी नीतीश कुमार के करीबी थे। लेकिन, 2015 में जब नीतीश लालू के साथ गए, तो वो अलग हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ा।

अनंत सिंह कभी नीतीश कुमार के करीबी थे। लेकिन, 2015 में जब नीतीश लालू के साथ गए, तो वो अलग हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ा।

भाई के जरिए राजनीति में कदम रखा

अनंत सिंह कम उम्र में ही दबंगई के सहारे अपनी पैठ बना चुके थे, लेकिन शायद उन्हें बहुत जल्द ही ये अहसास हो गया होगा कि असली जंग तभी जीती जा सकती है, जब क्राइम और पॉलिटिक्स का कॉकटेल बने। इसके लिए वो खुद राजनीति में नहीं आए, बल्कि अपने बड़े भाई को राजनीति में उतारा।

बड़े भाई दिलीप सिंह ने 1985 में पहली बार निर्दलीय के तौर पर मोकामा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। उसके बाद 1990 में पहली बार वो जनता दल के टिकट पर मोकामा से विधायक बने। 1995 में भी यहां से जीते। लेकिन, 2000 का चुनाव हार गए।

2005 के विधानसभा चुनाव से अनंत सिंह राजनीति में आए। अनंत सिंह मोकामा से लगातार चार बार जीत चुके हैं। फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010 का चुनाव जदयू से जीते और 2015 में निर्दलीय जीते।

2005 के चुनावों के बाद दिसंबर 2008 में अनंत सिंह के बड़े भाई फाजो सिंह की चार लोगों ने पटना के महादेव शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बाहर सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। इस हमले में उनके ड्राइवर अवधेश सिंह की भी मौत हो गई।

अनंत सिंह चार भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके दो बड़े भाई फाजो सिंह और बीरंची सिंह की हत्या हो गई। जबकि, दिलीप सिंह की बीमारी से मौत हो गई थी।

नीतीश को चांदी के सिक्कों से तुलवा दिया था

बात 2004 के लोकसभा चुनाव के वक्त की है। नीतीश कुमार बाढ़ सीट से 6वीं बार चुनाव लड़ रहे थे। चुनावों से ऐन वक्त पहले मोकामा से निर्दलीय विधायक सूरजभान सिंह लोजपा में शामिल हो गए। सूरजभान सिंह को बलिया से टिकट मिला। नीतीश कुमार समझ गए कि अब अनंत सिंह की मदद के बिना वो चुनाव नहीं जीत सकते। लिहाजा, नीतीश के करीबी ललन सिंह ने अनंत सिंह को मिलाया।

अनंत सिंह ने भी हामी भर दी। उस समय बाढ़ में नीतीश के लिए एक रैली हुई। इस रैली में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार को चांदी के सिक्कों से तुलवा दिया। उस समय इसका वीडियो भी सामने आया था। नीतीश की फजीहत भी हुई थी।

हालांकि, अनंत सिंह का साथ भी नीतीश को इस बार जिता नहीं सका। इस चुनाव में नीतीश नालंदा सीट से भी खड़े हुए थे और वहां से जीत गए थे।

यहीं से अनंत सिंह और नीतीश के बीच गहरी दोस्ती हो गई। शायद ये नीतीश की दोस्ती का ही नतीजा था कि कम समय में ही अनंत सिंह की संपत्ति लाखों से करोड़ों में पहुंच गई। 2005 के वक्त अनंत सिंह के पास महज 3.40 लाख रुपए की संपत्ति थी, जबकि 2015 के चुनाव के वक्त दाखिल हलफनामे में उनके पास 28 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति होने की बात सामने आई थी।

शौक भी बड़े हैं, घर में ही हाथी-अजगर पाल रखे हैं

अनंत सिंह अपने शौक और सनक के लिए भी जाने जाते हैं। पहले बात शौक की। अनंत सिंह को घोड़ों का बहुत शौक है। कहते हैं कि अगर इन्हें कोई घोड़ा पसंद आ जाए, तो उसे खरीदे बिना चैन नहीं लेते। इसका एक किस्सा भी है।

एक बार अनंत सिंह को लालू प्रसाद का एक घोड़ा पसंद आ गया। वो उसे खरीदना तो चाहते थे, लेकिन उन्हें ये भी पता था कि लालू उन्हें ये घोड़ा नहीं बेचेंगे। तो उन्होंने किसी दूसरे से वो घोड़ा खरीदवाया और बाद में उस घोड़े पर बैठकर मेला घूमने गए।

अनंत सिंह को जानवर पालने का शौक भी है। कहते हैं कि उन्होंने अपने घर पर ही हाथी और अजगर जैसे जंगली जानवर पाल रखे हैं।

अब बात सनक की। कहा जाता है कि एक बार अनंत सिंह को एक मर्सिडीज पसंद आ गई। तो उन्होंने उस आदमी पर दबाव बनाकर पहले तो मर्सिडीज ली और फिर मनमाने तरीके से उसका इस्तेमाल किया।

इसी तरह 2007 में एक महिला से रेप और हत्या के मामले में अनंत सिंह का नाम आया। इसको लेकर एक रिपोर्टर ने उनसे सवाल किया। सवाल से वो इतना भड़के कि रिपोर्टर की जमकर पिटाई कर दी।

पिछले चुनाव के वक्त भी अनंत सिंह जेल में थे और चुनाव जीतने के 6 महीने बाद पटना हाईकोर्ट की इजाजत पर विधायक पद की शपथ ली थी।

पिछले चुनाव के वक्त भी अनंत सिंह जेल में थे और चुनाव जीतने के 6 महीने बाद पटना हाईकोर्ट की इजाजत पर विधायक पद की शपथ ली थी।

एक-दो नहीं, कई मामले हैं, इनमें हत्या, डबल मर्डर जैसे मामले भी

अनंत सिंह को बाहुबली यूं ही नहीं कहा जाता। उनके ऊपर एक-दो नहीं, बल्कि कई मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, डबल मर्डर की साजिश, आर्म्स एक्ट, रंगदारी, जमीन पर अवैध कब्जा जैसे मामले हैं। अनंत सिंह के ऊपर पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट में 18 केस चल रहे हैं। बाढ़ कोर्ट में दो केस हैं। पटना के रेलवे ज्यूडिशियल कोर्ट में ट्रेन में मर्डर का मामला है। गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के रिश्तेदार ने मामला दर्ज कराया था। दानापुर कोर्ट में भी एक मामला चल रहा है।

अनंत सिंह के कुछ करीबी सूत्र बताते हैं कि कुछ क्रिमिनल केस ऐसे भी हैं, जिनका या तो डिस्पोजल हो गया या फिर उनका रिकॉर्ड ही नहीं मिला।

पिछले साल अक्टूबर में अनंत सिंह के घर से एके-47 समेत कई हथियार मिले थे। सिर्फ इस मामले को छोड़कर बाकी सभी मामलों में अनंत सिंह को जमानत मिल चुकी है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Ahead Of Free Guy’s New Trailer, Ryan Reynolds And The Cast Have An A+ Response To Film’s Delay

Mon Oct 5 , 2020
Once upon a time, movie release dates were pretty firm, and you could expect them to happen when announced. But in the era of COVID-19, things are far from being set in stone. So as their film prepares to get a new trailer, Ryan Reynolds and the cast of the […]

You May Like