एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान
– फोटो : ANI (File)
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Bihar Election 2020: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने करीब-करीब फैसला कर लिया है। भाजपा के साथ देने के बाद भी उन्हें इस फैसले के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाध्य कर दिया है। अब वह बिहार विधानसभा चुनाव में और केंद्र में भाजपा के साथ रहेंगे, लेकिन जद (यू) प्रमुख और उनकी पार्टी के लिए गड्ढा खोदेंगे। चिराग पासवान के सामने दूसरी बड़ी चुनौती पार्टी के संस्थापक, केंद्रीय मंत्री और पिता राम विलास पासवान का स्वास्थ्य है। राम विलास अस्पताल में हैं, उनकी एक सर्जरी हुई है, लेकिन दूसरी की भी जरूरत बताई जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि राम विलास पासवान की तबियत बहुत अच्छी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली है। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी राम विलास पासवान के स्वस्थ्य को लेकर संवेदनशील हैं। केंद्रीय मंत्री की तबियत ऐसे समय में खराब हुई, जब एक तरफ बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर है और लोजपा में भी चिराग के नेतत्व को लेकर छोटी-मोटी खटपट चल रही है।
मंगलवार को चिराग कर सकते हैं उम्मीदवारों की घोषणा
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामंकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तीन चरणों में मतदान होना है। रविार को लोजपा की केंद्रीय संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक में चाचा पशुपति पारस और कैसर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शरीक हुए। बताया जा रहा है कि ऐसा कोविड-19 के संक्रमण की संभावना को देखते हुए हुआ।
इस बैठक में पार्टी के सभी नेताओं की राय नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने की रही। जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को लोजपा पहले से अपना नैसर्गिक दुश्मन मानती है। ऐसे में कयास है कि लोजपा भाजपा के साथ तमाम सीटों पर मित्रवत चुनाव लड़ेगी।
बिहार में भाजपा की सहयोगी बनी रहेगी, लेकिन जद (यू) और हम के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारेगी। इसी तरह से केंद्र सरकार के साथ लोजपा बनी रहेगी। राम विलास पासवान केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे और पार्टी एनडीए का हिस्सा।
सार
चिराग पासवान के सामने दूसरी बड़ी चुनौती पार्टी के संस्थापक, केंद्रीय मंत्री और पिता राम विलास पासवान का स्वास्थ्य है। राम विलास अस्पताल में हैं, उनकी एक सर्जरी हुई है, लेकिन दूसरी की भी जरूरत बताई जा रही है…
विस्तार
Bihar Election 2020: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने करीब-करीब फैसला कर लिया है। भाजपा के साथ देने के बाद भी उन्हें इस फैसले के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाध्य कर दिया है। अब वह बिहार विधानसभा चुनाव में और केंद्र में भाजपा के साथ रहेंगे, लेकिन जद (यू) प्रमुख और उनकी पार्टी के लिए गड्ढा खोदेंगे। चिराग पासवान के सामने दूसरी बड़ी चुनौती पार्टी के संस्थापक, केंद्रीय मंत्री और पिता राम विलास पासवान का स्वास्थ्य है। राम विलास अस्पताल में हैं, उनकी एक सर्जरी हुई है, लेकिन दूसरी की भी जरूरत बताई जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि राम विलास पासवान की तबियत बहुत अच्छी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली है। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी राम विलास पासवान के स्वस्थ्य को लेकर संवेदनशील हैं। केंद्रीय मंत्री की तबियत ऐसे समय में खराब हुई, जब एक तरफ बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर है और लोजपा में भी चिराग के नेतत्व को लेकर छोटी-मोटी खटपट चल रही है।
मंगलवार को चिराग कर सकते हैं उम्मीदवारों की घोषणा
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामंकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तीन चरणों में मतदान होना है। रविार को लोजपा की केंद्रीय संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक में चाचा पशुपति पारस और कैसर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शरीक हुए। बताया जा रहा है कि ऐसा कोविड-19 के संक्रमण की संभावना को देखते हुए हुआ।
इस बैठक में पार्टी के सभी नेताओं की राय नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने की रही। जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को लोजपा पहले से अपना नैसर्गिक दुश्मन मानती है। ऐसे में कयास है कि लोजपा भाजपा के साथ तमाम सीटों पर मित्रवत चुनाव लड़ेगी।
बिहार में भाजपा की सहयोगी बनी रहेगी, लेकिन जद (यू) और हम के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारेगी। इसी तरह से केंद्र सरकार के साथ लोजपा बनी रहेगी। राम विलास पासवान केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे और पार्टी एनडीए का हिस्सा।
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