Sc Sets Aside Allahabad Hc Order That Allowed Swami Chinmayanand To Access Certified Copy Of Student – सुप्रीम कोर्ट से स्वामी चिन्मयानंद को झटका, पीड़िता के बयान की कॉपी देने से इनकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

Updated Thu, 08 Oct 2020 12:57 PM IST

स्वामी चिन्मयानंद (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को उच्चतम न्यायालय से गुरुवार को झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें उन्हें पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी देने को कहा गया था। इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। 
 

बता दें कि पिछले साल सितंबर में यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी की टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। हालांकि इस साल फरवरी में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। 

पूर्व भाजपा नेता पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।

24 अगस्त से शुरू हुआ था मामला

24 अगस्त, 2019 को फेसबुक पर छात्रा ने एक वीडियो अपलोड किया था। वीडियो में नाम लिए बिना छात्रा ने अपने साथ हुए यौन शोषण और दुराचार की बात कही थी। पीड़िता ने कहा था कि उसे और उसके परिवार को एक बड़े संत से खतरा है। छात्रा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी। वीडियो अपलोड होने के बाद हड़कंप मच गया था। वहीं छात्रा के पिता ने मुमुक्षु आश्रम के स्वामी चिन्मयानंद पर बेटी के साथ दुराचार और अपहरण करने का आरोप लगाया था।

दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को उच्चतम न्यायालय से गुरुवार को झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें उन्हें पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी देने को कहा गया था। इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। 

 

बता दें कि पिछले साल सितंबर में यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी की टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। हालांकि इस साल फरवरी में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। 

पूर्व भाजपा नेता पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।

24 अगस्त से शुरू हुआ था मामला

24 अगस्त, 2019 को फेसबुक पर छात्रा ने एक वीडियो अपलोड किया था। वीडियो में नाम लिए बिना छात्रा ने अपने साथ हुए यौन शोषण और दुराचार की बात कही थी। पीड़िता ने कहा था कि उसे और उसके परिवार को एक बड़े संत से खतरा है। छात्रा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी। वीडियो अपलोड होने के बाद हड़कंप मच गया था। वहीं छात्रा के पिता ने मुमुक्षु आश्रम के स्वामी चिन्मयानंद पर बेटी के साथ दुराचार और अपहरण करने का आरोप लगाया था।



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