नई दिल्ली4 घंटे पहले
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कृषि मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल-सितंबर 2020 छमाही में 9,002 करोड़ रुपए का ट्रेड सरप्लस दर्ज किया गया, जबकि एक साल पहले की समान छमाही में 2,133 करोड़ रुपए का ट्रेड डिफिसिट हुआ था
- पिछले कारोबारी साल की पहली छमाही में भारत से 37,397.3 करोड़ रुपए के कृषि कमॉडिटी का निर्यात हुआ था
- सितंबर 2020 में एग्री एक्सपोर्ट्स 81.7% बढ़कर 9,296 करोड़ रुपए पर पहुंचा, जो सितंबर 2019 में 5,114 करोड़ रुपए पर था
कोरोना संकट के बावजूद कृषि कमॉडिटी का निर्यात इस कारोबारी साल की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में साल-दर-साल आधार पर 43.4 फीसदी बढ़कर 53,626.6 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह बात केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने शनिवार को कही। पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में भारत से 37,397.3 करोड़ रुपए के कृषि कमॉडिटी का निर्यात हुआ था।
सितंबर 2020 में एग्री एक्सपोर्ट्स 81.7 फीसदी बढ़कर 9,296 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो सितंबर 2019 में 5,114 करोड़ रुपए पर था। मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल-सितंबर 2020 छमाही में 9,002 करोड़ रुपए का व्यापार आधिक्य (ट्रेड सरप्लस) दर्ज किया गया, जबकि एक साल पहले की समान छमाही में 2,133 करोड़ रुपए का व्यापार घाटा (ट्रेड डिफिसिट) हुआ था।
इन कमॉडिटीज का निर्यात बढ़ा
सितंबर छमाही में साल-दर-साल आधार पर ज्यादा निर्यात दर्ज करने वाले कमॉडिटीज इस प्रकार हैं :
मूंगफली : 35%
रिफाइंड शुगर : 104%
गेहूं : 206%
बासमती चावल : 13%
गैर-बासमती चावल : 105%
एग्री एक्सपोर्ट्स बढ़ाने के लिए सरकार ने एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी बनाई
एग्री एक्सपोर्ट्स बढ़ाने के लिए सरकार ने एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी-2018 घोषित की है। अन्य बातों के अलावा इसमें फल, सब्जियों, मसालों, आदि जैसे निर्यातोन्मुख कैश क्रॉप्स के लिए क्लस्टर आधारित तरीके का प्रावधान किया गया है। इसके तहत देशभर में विशेष फसलों के लिए क्लस्टर की पहचान की जाती है और इनमें विशेष फोकस के साथ काम किया जाता है।
8 एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम बनाए
सरकार ने एग्रीकल्चर व हॉर्टीकल्चर प्रॉडक्ट्स का निर्यात बढ़ाने के लिए एग्री एक्सपोर्ट प्रमोशन संगठन एपेडा (एपीईडीए) के तहत 8 एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम (ईपीएफ) भी बनाए। ये ईपीएफ केला, अंगूर, आम, अनार, प्याज, डेयरी, बासमती चावल और गैर-बासमती चावल के लिए बनाए गए।
1 लाख करोड़ रुपए का एग्री-इंफ्रा फंड
मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने 1 लाख रुपए के एग्री-इंफ्रा फंड की भी घोषणा की है। मंत्रालय ने एग्री एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना भी तैयार की है। इसमें वैल्यू एडीशन पर जोर दिया गया है। साथ ही इंपोर्ट सब्स्टीट्यूशन के लिए भी एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है।