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- Hathras Gang Rape Case Latest News Updates: Hathras Victim Family Go To Lucknow Today, Hearing Held In Allahabad High Court Lucknow Bench
लखनऊ/हाथरसएक घंटा पहले
फोटो हाथरस के पीड़ित परिवार की है। परिवार के 5 सदस्य सोमवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ रवाना हुए थे।
- हाथरस डीएम प्रवीण कुमार ने कहा- रात में अंत्येष्टि को लेकर मुझ पर सरकार या आला अफसरों का कोई दबाव नहीं था
- कोर्ट ने फटकार लगाते हुए जिला प्रशासन से कहा- किसी अमीर व्यक्ति की बेटी होती, तो आप क्या ऐसा ही करते?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती से कथित बलात्कार और मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई। पीड़ित परिवार सोमवार सुबह ही कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ पहुंचा। कोर्ट में पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस ने शुरुआत से ही सही जांच नहीं की। हमें परेशान किया, कोई मदद नहीं की। शुरू में तो एफआईआर भी नहीं लिखी।
बिना हमारी सहमति के रात में अंतिम संस्कार कर दिया। इसमें शामिल भी नहीं किया। हमें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। डीएम ने भी अनुचित दबाव बनाया। अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी। इससे पहले, पीड़िता के वकील के तौर पर कोर्ट ने सीमा कुशवाहा को पेश होने की अनुमति दी थी।
हाथरस डीएम बोले- रात में अंत्येष्टि को लेकर कोई दबाव नहीं था
हाथरस डीएम प्रवीण कुमार ने कहा- खुफिया इनपुट मिला था कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश कर सकते हैं। इससे कानून-व्यवस्था चरमरा सकती थी। अगर दाह संस्कार में और देरी होती तो शव गलने की आशंका थी, इसलिए आधी रात को अंत्येष्टि की गई। रात में अंत्येष्टि को लेकर मुझ पर सरकार या आला अफसरों का कोई दबाव नहीं था।
इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए जिला प्रशासन से कहा, ‘किसी अमीर व्यक्ति की बेटी होती, तो आप क्या ऐसा ही करते? अगर कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी तो सुरक्षा और बढ़ाई जा सकती थी।’
पीड़ित परिवार की वकील बोली- कोर्ट ने परिवार की सिक्योरिटी को लेकर चिंता जताई है
सीमा कुशवाहा ने एफिडेविट दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के मुद्दे पर कोर्ट ने फटकार लगाई है। साथ ही सवाल उठाया कि अभी तक जो परिवार के साथ सिक्योरिटी है, वह लॉ एंड आर्डर को लेकर है। आगे क्या परिवार की सिक्योरिटी सुनिश्चित की जाएगी।
कोर्ट ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अलावा हाथरस के डीएम और एसपी को तलब किया। हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से विनोद शाही पैरवी की, जबकि कोर्ट ने वरिष्ठ वकील जेएन माथुर को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) बनाया है। एक अक्टूबर को कोर्ट ने मामले को खुद नोटिस में लिया था।

पीड़ित परिवार को लखनऊ छह गाड़ियों से एस्कार्ट कर ले जाया जा रहा है।
परिवार के 5 लोगों ने कोर्ट में गवाही दी
परिवार के 5 सदस्यों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। इससे पहले पीड़ित परिवार सुबह 5 बजे हाथरस से निकला। पीड़ित के माता-पिता, दो भाई और एक भाभी लखनऊ पहुंचीं। सभी को हाईकोर्ट के पास स्थित उत्तराखंड भवन में ठहराया गया। एसडीएम अंजलि गंगवार और सीओ शैलेंद्र बाजपेयी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रखी है।
दो गाड़ियों में पीड़ित परिवार था, जबकि छह गाड़ियां उनके एस्कॉर्ट के लिए थीं। इससे पहले उन्होंने रविवार रात लखनऊ जाने से मना कर दिया था। पीड़ित के भाई ने कहा कि रात में हमारे साथ कुछ भी हो सकता है। हमें प्रशासन पर भरोसा नहीं है।

सादी वर्दी में महिला पुलिस अधिकारी सुरक्षा में तैनात हैं।
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने हाथरस पहुंचकर जांच शुरू कर दी
उधर, केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने हाथरस पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। जांच महिला डिप्टी एसपी सीमा पाहुजा कर रही हैं। सीबीआई ने रविवार को ही पुलिस से एफआईआर व दस्तावेज लिए हैं। सूत्रों की मानें तो आज सीबीआई टीम को जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचना था। ताकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, पूर्व में फॉरेंसिक टीम द्वारा लिए गए जांच सैंपल और सभी संबंधित सबूतों को जुटाया जा सके।

हाईकोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम। यहीं से पीड़ित परिवार को कोर्ट के अंदर ले जाया गया।
क्या है पूरा मामला?
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने कथित रूप से 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप किया था। यह भी आरोप है कि उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।
