उन्होंने राजद की ओर परोक्ष संकेत करते हुए कहा कि ‘गड़बड़ करने वाले को विकास कहां से दिखेगा? विकास सकारात्मक सोच वालों को ही दिखेगा।’ बिहार विधानसभा चुनाव के लिए डिजिटल माध्यम से जनता दल यूनाटेड (जदयू) के ‘निश्चय संवाद’ को संबोधित करते हुए नीतीश ने ‘जल जीवन हरियाली’ और ‘हर घर नल से जल योजना’ सहित शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
नीतीश ने पूछा- 15 साल पति-पत्नी ने क्या किया?
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद एवं राबड़ी देवी का नाम लिए बिना सवाल किया कि ‘15 साल पति-पत्नी ने राज किया, तब क्या किया? पहले इन लोगों (विपक्ष) ने स्वास्थ्य, शिक्षा एवं दूसरे क्षेत्र में क्या काम किया था?’
गौरतलब है कि नीतीश पिछले 15 साल से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री हैं और इससे पहले लालू प्रसाद की पार्टी राजद 15 साल तक राज्य में सत्ता में थी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि ‘ये लोग सेवा के विशेषज्ञ नहीं बल्कि परिवार के निजी उत्थान के विशेषज्ञ हैं।’
हमारे लिए पूरे बिहार की जनता परिवार है- नीतीश
मुख्यमंत्री ने राजद का नाम लिए बिना कहा कि ‘कुछ लोग सिर्फ परिवार की बात करते हैं और बेटा-बेटी, पति-पत्नी करते रहते हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘हमारे लिए पूरे बिहार की जनता परिवार है।’
शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सरकार के कार्यो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पहले हमारे विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल पढ़ने के लिए बाहर जाते थे। हमने राज्य में ही पढ़ने के लिए व्यवस्था की, संस्थान शुरू किए तथा छात्रों को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सहायता दी।’ कुमार ने कहा कि विपक्ष रोजगार की बात करता है, लेकिन जब उनका शासन था तब 95 हजार 734 लोगों को 15 साल में भर्ती किया गया था जबकि हमने अपने 15 साल के शासन में छह लाख आठ हजार 893 युवाओं को भर्ती किया।
गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के हालात को लेकर नीतीश सरकार पर हमला किया था और कहा था कि विभिन्न विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी पांच लाख 50 हजार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है। यादव ने कहा था कि उनकी सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का निर्णय किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद सरकार के दौरान अनेक हत्याएं, नरसंहार और दंगे हुए जबकि वर्तमान सरकार ने कानून का राज स्थापित करने की दिशा में काम किया है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि लोग अल्पसंख्यकों के नाम पर वोट लेते हैं, लेकिन उन्होंने इस वर्ग के लिए किया क्या है? उन्होंने सवाल किया कि भागलपुर में जो दंगा हुआ उसके लिए क्या किया गया?
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘भागलपुर दंगे में इतने अल्पसंख्यक लोगों की जान गई लेकिन उनके (राजद) कार्यकाल में पीड़ितों को न इंसाफ मिला और न कोई सुविधा। कुमार ने कहा कि जदयू की सरकार बनते ही उन्होंने पहले इनके लिए आयोग का गठन किया। जो दोषी बचाए गए थे, उनको सजा दिलवाई गई। साथ में पीड़ितों को हर प्रकार से मदद पहुंचाई गई और प्रभावितों को 2500 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया।’