वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेरिस
Updated Thu, 15 Oct 2020 12:44 AM IST

फ्रांस में कोरोना की जांच के लिए नमूना एकत्र करती महिला स्वास्थ्य कर्मी।
– फोटो : PTI
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फ्रांस सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी है। समाचार एजेंसी रायटर ने ये खबर दी है।
France declares public health state of emergency over #COVID19: Reuters
— ANI (@ANI) October 14, 2020
बता दें कि इससे पहले कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते फ्रांस के कई शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया था, इसमें पेरिस और मार्सिले भी शामिल हैं। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए फ्रांस में नए दिशा-निर्देशों को लागू किया गया है। दक्षिण में मोंटपेलियर के प्रांत ने शहर में ज्यादा अलर्ट की घोषणा की है।
नए निर्देशों के तहत बार और कैफे को बंद रखने का फैसला लिया गया है। वहीं शनिवार (10 अक्तूबर) को कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ने से फ्रांस के चार और शहरों को अलर्ट पर रखा गया था। इसमें दक्षिण-पश्चिम में ल्योन, ग्रेनोवल और सेंट-एटिनी और उत्तर में लिली शहर शामिल हैं।
रविवार तक जारी किए आंकड़ों के मुताबिक फ्रांस में अब तक 32,730 लोगों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है, लेकिन फ्रांस में मौत का आंकड़ा वास्तव में इससे ज्यादा है क्योंकि कई मरीजों की मृत्यु उनके घरों में हुई है, जिसकी गणना नहीं की गई है। इसके अलावा अस्पताल से भी अधूरे मामले दर्ज किए गए हैं।
इतने आंकड़े तब हैं, जब फ्रांस ने कोरोना की गंभीर स्थिति के समय अपनी कमर कस ली थी। रविवार को प्रकाशित नर्सों के राष्ट्रीय क्रम का विश्लेषण कर एक बात सामने आई है कि ज्यादातर नर्स थकान और तंग सा महसूस करने लगे हैं और 37 फीसदी का कहना है कि कोरोना महामारी ने उन्हें अपनी नौकरी बदलने के लिए मजबूर कर दिया है।
एक सर्वे बताता है कि फ्रांस ने अपनी मेडिकल सुविधाओं की बढ़ती जरूरतों में तालमेल नहीं बैठाया। नर्सों की राष्ट्रीय क्रम बताता है कि फ्रांस में अभी 34,000 नर्सों की नौकरी खाली है। फ्रांस और दूसरी जगह नर्सों और दूसरे मेडिकल कर्मचारियों ने अच्छे वेतन, अच्छी कार्य स्थिति और निजी हित के लिए छिटपुट विरोध-प्रदर्शन किए थे।