जमुई से भाजपा प्रत्याशी श्रेयसी सिंह और राजद प्रत्याशी विजय प्रकाश
– फोटो : सोशल मीडिया
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Bihar Assembly Election 2020: भागलपुरी सिल्क और खादी की मांग देश भर में है, लेकिन बुनकरों का मुद्दा हमेशा अनछुआ रह जाता है। यहां चुनाव में आज भी भागलपुर दंगे की गूंज सुनाई पड़ती है। भागलपुर पूर्वी बिहार का हिस्सा है। यहां का चुनावी मिजाज बाकी हिस्सों से थोड़ा अलग है। पूर्वी बिहार के पांच जिलों की 16 सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है।
पहले चरण में भागलपुर जिले के कहलगांव और सुल्तानगंज, बांका जिले के अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर में मतदान है। इसी तरह मुंगेर जिले के तारापुर, मुंगेर और जमालपुर, लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा और लखीसराय में भी पहले चरण में ही चुनाव है। इसके अलावा जमुई जिले के सिकंदरा, जमुई, झाझा और चकाई विधानसभा सीटों पर भी पहले चरण में ही चुनाव होंगे। पहले चरण में 28 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे। 2015 में इन 16 सीटों में से छह सीटों पर राजद, पांच सीटों पर जदयू, तीन सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
बांका की पांच सीटों पर दिलचस्प मुकाबला
2015 के विधानसभा चुनाव में बांका की कुल पांच सीटों में दो पर जदयू, दो पर राजद और एक सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने बांका से मौजूदा विधायक और नीतीश सरकार के भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल को मैदान में उतारा है। मुकाबले में राजद ने जावेद इकबाल को टिकट दिया है। यहां मुख्य लड़ाई इन्हीं दोनों के बीच दिख रही है। जिले की कटोरिया सीट से निक्की हेम्ब्रम भाजपा उम्मीदवार हैं। यहां उनका मुकाबला मौजूदा राजद विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम से है। बेलहर सीट पर राजद के मौजूदा विधायक रामदेव व्यास एक बार फिर मैदान में हैं और जदयू ने उनके खिलाफ मनोज यादव को मोर्चे पर खड़ा किया है।
बांका की अमरपुर सीट पर सबकी निगाह होगी। इस सीट पर मौजूदा विधायक जनार्दन मांझी के बेटे जयंत राज को जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है। जनार्दन मांझी पर कई मुकदमे दर्ज हैं इसलिए उनकी जगह उनके बेटे को मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस ने यहां से जितेंद्र सिंह को टिकट दिया है। जिले की धौरैया सीट से जदयू ने अपने मौजूदा विधायक मनीष कुमार पर फिर दांव लगाया है। राजद ने यहां से भूदेव चौधरी को मैदान में उतारकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।
सिगरेट-बंदूक फैक्ट्री वाले मुंगेर में कांटे की टक्कर
दुनिया के सबसे पुराने योग विश्वविद्यालय वाले शहर मुंगेर में वैसे तो सिगरेट और बंदूकें बनाने की फैक्ट्री भी हैं, लेकिन मुंगेर की पहचान बनती है शहर की नियोजित बसावट से। गंगा किनारे बसे इस विधानसभा क्षेत्र में लड़ाई आर-पार की दिख रही है। राजद ने अपने मौजूदा विधायक विजय कुमार विजय का टिकट काट कर यहां अविनाश यादव को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने यहां प्रणव यादव को टिकट दिया है। मुख्य लड़ाई इन्हीं दो के बीच दिख रही है। मुंगेर जिले की तारापुर में जदयू और मेवालाल चौधरी और राजद की दिव्या प्रकाश के बीच मुकाबला है। जिले के जमालपुर में जदयू ने शैलेश कुमार और कांग्रेस ने अजय सिंह को मैदान में उतारकर आरपार का मुकाबला कर दिया है।
जमुई में श्रेयसी-विजय प्रकाश आमने-सामने
जमुई से अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह चुनाव लड़ रही हैं। श्रेयसी ने हाल में ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। श्रेयसी सिंह बांका की पूर्व सांसद पुतुल कुमारी और पिता स्व. दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं। दिग्विजय बांका के सांसद व केंद्रीय मंत्री थे। श्रेयसी सिंह के खिलाफ राजद ने विजय प्रकाश को मैदान में उतारा है। यहां अजय प्रताप, रालोसपा उम्मीदवार हैं। लोजपा ने यहां श्रेयसी को समर्थन देने का एलान कर दिया है।
कहलगांव कांग्रेस का गढ़
पूर्वी बिहार में कांग्रेस का गढ़ कहलगांव ही है। 1951 से अब तक हुए कुल 19 चुनावों में कांग्रेस यहां 13 बार जीत चुकी है। इस सीट से इस बार कांग्रेस के मौजूदा विधायक सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश उम्मीदवार हैं। उनपर अपने ही पिता का रिकॉर्ड बचाए रखने की जिम्मेदारी है। भाजपा ने यहां पवन कुमार यादव को मैदान में उतारा है। रेल पहिया कारखाना के लिए मशहूर झाझा में भाजपा के मौजूदा विधायक रविंद्र यादव ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर दी है और लोजपा पहुंच गए हैं। रविंद्र यादव यहां से लोजपा उम्मीदवार हैं। जदयू ने यहां से दामोदर रावत को मैदान में उतारा है और राजद ने राजेंद्र प्रसाद को। यहां त्रिकोणीय लड़ाई के आसार हैं।
सार
- पांच जिलों की 16 सीटों में से 13 पर पिछली बार महागठबंधन का कब्जा था।
- पिछली बार छह राजद, पांच जदयू, तीन भाजपा और दो सीटें कांग्रेस को मिली थी।
- इस बार भाजपा-जदयू साथ
विस्तार
Bihar Assembly Election 2020: भागलपुरी सिल्क और खादी की मांग देश भर में है, लेकिन बुनकरों का मुद्दा हमेशा अनछुआ रह जाता है। यहां चुनाव में आज भी भागलपुर दंगे की गूंज सुनाई पड़ती है। भागलपुर पूर्वी बिहार का हिस्सा है। यहां का चुनावी मिजाज बाकी हिस्सों से थोड़ा अलग है। पूर्वी बिहार के पांच जिलों की 16 सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है।
पहले चरण में भागलपुर जिले के कहलगांव और सुल्तानगंज, बांका जिले के अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर में मतदान है। इसी तरह मुंगेर जिले के तारापुर, मुंगेर और जमालपुर, लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा और लखीसराय में भी पहले चरण में ही चुनाव है। इसके अलावा जमुई जिले के सिकंदरा, जमुई, झाझा और चकाई विधानसभा सीटों पर भी पहले चरण में ही चुनाव होंगे। पहले चरण में 28 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे। 2015 में इन 16 सीटों में से छह सीटों पर राजद, पांच सीटों पर जदयू, तीन सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
बांका की पांच सीटों पर दिलचस्प मुकाबला
2015 के विधानसभा चुनाव में बांका की कुल पांच सीटों में दो पर जदयू, दो पर राजद और एक सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने बांका से मौजूदा विधायक और नीतीश सरकार के भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल को मैदान में उतारा है। मुकाबले में राजद ने जावेद इकबाल को टिकट दिया है। यहां मुख्य लड़ाई इन्हीं दोनों के बीच दिख रही है। जिले की कटोरिया सीट से निक्की हेम्ब्रम भाजपा उम्मीदवार हैं। यहां उनका मुकाबला मौजूदा राजद विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम से है। बेलहर सीट पर राजद के मौजूदा विधायक रामदेव व्यास एक बार फिर मैदान में हैं और जदयू ने उनके खिलाफ मनोज यादव को मोर्चे पर खड़ा किया है।
बांका की अमरपुर सीट पर सबकी निगाह होगी। इस सीट पर मौजूदा विधायक जनार्दन मांझी के बेटे जयंत राज को जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है। जनार्दन मांझी पर कई मुकदमे दर्ज हैं इसलिए उनकी जगह उनके बेटे को मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस ने यहां से जितेंद्र सिंह को टिकट दिया है। जिले की धौरैया सीट से जदयू ने अपने मौजूदा विधायक मनीष कुमार पर फिर दांव लगाया है। राजद ने यहां से भूदेव चौधरी को मैदान में उतारकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।
सिगरेट-बंदूक फैक्ट्री वाले मुंगेर में कांटे की टक्कर
दुनिया के सबसे पुराने योग विश्वविद्यालय वाले शहर मुंगेर में वैसे तो सिगरेट और बंदूकें बनाने की फैक्ट्री भी हैं, लेकिन मुंगेर की पहचान बनती है शहर की नियोजित बसावट से। गंगा किनारे बसे इस विधानसभा क्षेत्र में लड़ाई आर-पार की दिख रही है। राजद ने अपने मौजूदा विधायक विजय कुमार विजय का टिकट काट कर यहां अविनाश यादव को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने यहां प्रणव यादव को टिकट दिया है। मुख्य लड़ाई इन्हीं दो के बीच दिख रही है। मुंगेर जिले की तारापुर में जदयू और मेवालाल चौधरी और राजद की दिव्या प्रकाश के बीच मुकाबला है। जिले के जमालपुर में जदयू ने शैलेश कुमार और कांग्रेस ने अजय सिंह को मैदान में उतारकर आरपार का मुकाबला कर दिया है।
जमुई में श्रेयसी-विजय प्रकाश आमने-सामने
जमुई से अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह चुनाव लड़ रही हैं। श्रेयसी ने हाल में ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। श्रेयसी सिंह बांका की पूर्व सांसद पुतुल कुमारी और पिता स्व. दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं। दिग्विजय बांका के सांसद व केंद्रीय मंत्री थे। श्रेयसी सिंह के खिलाफ राजद ने विजय प्रकाश को मैदान में उतारा है। यहां अजय प्रताप, रालोसपा उम्मीदवार हैं। लोजपा ने यहां श्रेयसी को समर्थन देने का एलान कर दिया है।
कहलगांव कांग्रेस का गढ़
पूर्वी बिहार में कांग्रेस का गढ़ कहलगांव ही है। 1951 से अब तक हुए कुल 19 चुनावों में कांग्रेस यहां 13 बार जीत चुकी है। इस सीट से इस बार कांग्रेस के मौजूदा विधायक सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश उम्मीदवार हैं। उनपर अपने ही पिता का रिकॉर्ड बचाए रखने की जिम्मेदारी है। भाजपा ने यहां पवन कुमार यादव को मैदान में उतारा है। रेल पहिया कारखाना के लिए मशहूर झाझा में भाजपा के मौजूदा विधायक रविंद्र यादव ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर दी है और लोजपा पहुंच गए हैं। रविंद्र यादव यहां से लोजपा उम्मीदवार हैं। जदयू ने यहां से दामोदर रावत को मैदान में उतारा है और राजद ने राजेंद्र प्रसाद को। यहां त्रिकोणीय लड़ाई के आसार हैं।
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