न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बिहार
Updated Sat, 18 Jul 2020 06:38 AM IST
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बिहार में भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक महिला की शुक्रवार रात मौत हो गई। महिला वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही थी।
इसी दौरान बिजली गुल हो गई और जेनरेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। वेंटिलेटर में लगी बैट्री अंतिम सहारा बचा था और वो भी उस वक्त काम नहीं किया। और फिर मरीज को ऑक्सीजन सप्लाई मिलना बंद हो गया और उसकी मौत हो गई।
दरअसल 55 वर्षीय महिला निर्मला देवी को शुक्रवार सुबह नौ बजे मायागंज अस्पताल के आपातकाल सेवा में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए तत्काल ही गायनी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। आईसीयू में तैनात कर्मचारी ने मरीज को सी-पैप वेंटिलेटर पर डाल दिया। इसके बाद मरीज की सेहत में सुधार होने लगा।
रात करीब 8:55 बजे अचानक गायनी आईसीयू की बिजली गुल हो गई। बिजली कटते ही दो से तीन मिनट के बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। परिजन मरीज को दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर तक ले गए। जब तक वेंटिलेटर काम करना शुरू कर देता, तब तक रात करीब 9:05 बजे मरीज की मौत हो गई।
मौत के तीन मिनट बाद आईसीयू को जेनरेटर के जरिए बिजली आपूर्ति की गई। बाद में जांच में पता चला कि वेंटिलेटर की बैट्री भी खराब थी और इस वजह से महिला की मौत हो गई।
बिहार में भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक महिला की शुक्रवार रात मौत हो गई। महिला वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही थी।
इसी दौरान बिजली गुल हो गई और जेनरेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। वेंटिलेटर में लगी बैट्री अंतिम सहारा बचा था और वो भी उस वक्त काम नहीं किया। और फिर मरीज को ऑक्सीजन सप्लाई मिलना बंद हो गया और उसकी मौत हो गई।
दरअसल 55 वर्षीय महिला निर्मला देवी को शुक्रवार सुबह नौ बजे मायागंज अस्पताल के आपातकाल सेवा में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए तत्काल ही गायनी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। आईसीयू में तैनात कर्मचारी ने मरीज को सी-पैप वेंटिलेटर पर डाल दिया। इसके बाद मरीज की सेहत में सुधार होने लगा।
रात करीब 8:55 बजे अचानक गायनी आईसीयू की बिजली गुल हो गई। बिजली कटते ही दो से तीन मिनट के बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। परिजन मरीज को दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर तक ले गए। जब तक वेंटिलेटर काम करना शुरू कर देता, तब तक रात करीब 9:05 बजे मरीज की मौत हो गई।
मौत के तीन मिनट बाद आईसीयू को जेनरेटर के जरिए बिजली आपूर्ति की गई। बाद में जांच में पता चला कि वेंटिलेटर की बैट्री भी खराब थी और इस वजह से महिला की मौत हो गई।
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Sat Jul 18 , 2020
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