As Host, India Invites Sco Member Countries For Virtual Summit On Nov 30 – भारत 30 नवंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, सभी सदस्य देशों को किया आमंत्रित

भारत 30 नवंबर को एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें प्रभावशाली समूह के व्यापार और आर्थिक एजेंडे में योगदान करने पर जोर दिया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के गुट के सभी आठ सदस्य देशों को 30 नवंबर को होने वाले वर्चुअल शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है।

भारत पहली बार एससीओ सदस्यों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान दोनों 2017 में एससीओ के स्थाई सदस्य बने थे। संगठन के अन्य सदस्य देशों में रूस, चीन, कजाख्स्तान, कीर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि ‘एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करने वाला देश एससीओ के सभी सदस्य देशों को सम्मेलन में शामिल होने का न्योता भेजता है। तदनुसार हमने सभी आठ एससीओ सदस्य देशों, चार पर्यवेक्षक राष्ट्रों, एससीओ महासचिव और एससीओ आरएटीएस के निदेशक को सूचित कर दिया है।’

अनुराग श्रीवास्तव इस संबंध में किए गए सवाल का जवाब दे रहे थे। भारत ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह एससीओ सम्मेलन का ऑनलाइन आयोजन करेगा और इसमें सभी सदस्य देशों के शासनाध्यक्ष भाग लेंगे।

एससीओ में चर्चा के दौरान द्विपक्षीय मुद्दे नहीं लाए जाने चाहिए: रूस
रूस ने भारत की इस बात का गुरुवार को समर्थन किया कि पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में चर्चा के दौरान कश्मीर जैसे द्विपक्षीय मुद्दों को नहीं लाना चाहिए। इसने कहा कि ऐसा करना समूह के सिद्धांतों के खिलाफ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के डिजिटल शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में मंगलवार को समूह के आधारभूत सिद्धांतों का उल्लंघन कर एससीओ में द्विपक्षीय मुद्दों को ‘अनावश्यक रूप से’ लाने के बार-बार प्रयास करने वालों पर हमला बोला था। मोदी की इन टिप्पणियों को एससीओ में कश्मीर का मुद्दा उठाने के पाकिस्तान के प्रयास के संदर्भ में देखा गया था।

रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘यह एससीओ चार्टर का हिस्सा है कि द्विपक्षीय मुद्दों को (एससीओ के) एजेंडे में न लाया जाए और हमने यह सभी सदस्य देशों को स्पष्ट कर दिया है कि बहुपक्षीय सहयोग की प्रगति की खातिर इससे बचा जाना चाहिए।’

वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या एससीओ अध्यक्ष के रूप में रूस ने पाकिस्तान के समक्ष संबंधित मुद्दा उठाया है। बाबुश्किन ने कहा कि ‘जहां तक भारत-पाकिस्तान विवाद का संबंध है, हमारी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह की घटना न हो।’

सितंबर के मध्य में एससीओ सदस्य राष्ट्रों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की डिजिटल बैठक से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तब बहिर्गमन किया था जब पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने ऐसा नक्शा प्रस्तुत किया, जिसमें कश्मीर को गलत तरीके से दिखाया गया था। नई दिल्ली ने बैठक के नियमों का ‘खुला निरादर’ करने को लेकर पाकिस्तान की निंदा की थी।

भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के चतुर्पक्षीय गठबंधन ‘क्वाड’ के बारे में पूछे जाने पर बाबुश्किन ने कहा कि हिन्द और प्रशांत महासागरों में समावेशी समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के नयी दिल्ली के इरादों के बारे में रूस को कोई संदेह नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूरेशियाई आर्थिक संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत संतोषजनक ढंग से आगे बढ़ रही है।

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