Rajasthan Political Crisis Live Updates Ashok Gehlot Sachin Pilot Governor Rebel Congress Mlas Bjp Meeting – भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, कहा- राजस्थान को भगवान के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता

सार

राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से सियासी घमासान जारी है। इसी बीच शुक्रवार देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई। ये बैठक लगभग ढाई घंटे तक चली। बैठक में राज्यपाल द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई, जो अब खत्म हो गई है। वहीं, सीएम अशोक गहलोत से पहले भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा। यहां पढ़ें सभी अपड्टेस-

सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई होगी। सचिन पायलट के पक्ष में फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने सीपी जोशी के विधायको को दिए नोटिस पर रोक लगा दी थी।

राजस्थान भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन में लिखा
राजस्थान भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन में लिखा ‘मुख्यमंत्री द्वारा 24 जुलाई को जिस प्रकार अपने दल के लोगों को उत्प्रेरित करते हुए राजभवन घेरने की धमकी एवं उस स्थिति में राज्य सरकार द्वारा राजभवन को सुरक्षा प्रदान करने की असमर्थता व्यक्त की, यह IPC की धारा 124 का स्पष्ट उल्लंघन है।’

भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ‘हमने आज राज्यपाल को ज्ञापन दिया है, जिसमें निवेदन किया है कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति कैसे नियंत्रण में आए, इसपर विचार करने की आवश्यकता है। 35 हजार से ज्यादा मामले हो गए हैं। कम से कम इस तरीके से राजस्थान को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।

राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की चेतावनी आईपीसी की धारा 124 का उल्लंघन है
राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, ‘राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री द्वारा दी गई ‘8 करोड़ लोग राजभवन का घेराव करेंगे’ की चेतावनी आईपीसी की धारा 124 का उल्लंघन है।’

सीएम गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए- गुलाबचंद कटारिया
राज्यपाल से मिलने के बाद राजस्थान विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, ‘मुख्यमंत्री राज्य के प्रमुख हैं और उन्होंने कहा कि वह कानून और व्यवस्था की स्थिति के उल्लंघन के लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे। अगर वह जिम्मेदार नहीं होंगे तो कौन होगा? उन्हें इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।’

भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने पहुंचा
राजस्थान में कोरोना की स्थिति को लेकर भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया और नेता विपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने पहुंचा।

 

प्रजातंत्र बेड़ियों में और देश खतरे में है- रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने राजस्थान में बने राजनीतिक हालात के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, जनता की निर्वाचित सरकार धरने पर बैठी है, भाजपा जनमत की हत्या में मगन है, प्रजातंत्र बेड़ियों में है और देश खतरे में है।

 

जरूरत पड़ी तो पीएम आवास पर धरना प्रदर्शन भी करेंगे- सीएम गहलोत
कांग्रेस पार्टी की विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जरूरत पड़ी तो हम राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे और पीएम आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी करेंगे।’

 

कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म
राजस्थान: जयपुर के फेयर मॉन्ट होटल में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक खत्म हुई।

 

कांग्रेस विधायक दल की बैठक
जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। बैठक फेयरमाउंट होटल में हो रही है जहां पिछले कई दिनों से कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं। बता दें कि कल इन विधायकों ने राजभवन के बाहर धरना भी दिया था। सीएम अशोक गहलोत की मांग है कि बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जाए। 

सीएम गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात का वक्त मांगा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात का वक्त मांगा। सीएम गहलोत, राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर नया प्रस्ताव देंगे। इसी मुद्दे पर शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई थी। 

अशोक गहलोत ने बैठक बुलाई
राजस्थान का सियासी घमासान खत्म होता नहीं दिख रहा है। राज्यपाल की ओर से विधानसभा सत्र बुलाए जाने को मंजूरी नहीं दिए जाने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। आज उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है।

 

राजस्थान में सड़कों पर उतरी कांग्रेस, जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन

कांग्रेस ने भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र का आरोप लगाते हुए शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। पार्टी के सारे विधायक व मंत्री हालांकि जयपुर के पास एक होटल में रुके हुए हैं इसलिए इन धरना-प्रदर्शनों की अगुवाई बाकी नेता कर रहे हैं। राजधानी जयपुर के साथ साथ जोधपुर व बीकानेर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजेगी राजस्थान सरकार

राजस्थान सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में उन बिंदुओं पर विचार किया गया जो सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को भी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को फिर हो सकती है। मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद ही संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा।

शेखावत का सीएम पर निशाना 

वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जहां राज्यपाल को स्वयं मुख्यमंत्री धमका कर असुरक्षित महसूस करवाए, वहां चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या और हिंसक झड़पों से त्रस्त राजस्थान वासियों को मुख्यमंत्री के आगे अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है।’
 

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पत्र लिखकर सीएम अशोक गहलोत से कहा था, ‘इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करता, आपने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि राजभवन घेराव होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है। यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकता तो राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या होगा? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी सीएम का ऐसा बयान नहीं सुना। क्या यह एक गलत प्रवृत्ति की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन में विरोध प्रदर्शन करते हैं?

राज्यपाल सचिवालय का बयान
23 जुलाई की रात को राज्य सरकार ने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक पेपर प्रस्तुत किया था। पेपर का विश्लेषण किया गया और कानूनी विशेषज्ञों से इस पर सलाह ली गई थी। शॉर्ट नोटिस पर सत्र आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है और न ही इसके लिए कोई एजेंडा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रियाओं के अनुसार सत्र के लिए 21 दिन के नोटिस की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार को सभी विधायकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए। 



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