Ayodhya Ram Mandir News: Ram Mandir Map Approval From Ayodhya Development Authority Latest Update In Hindi – राम मंदिर के मानचित्र को मिला बोर्ड की मंजूरी, सर्वसम्मति से पास हुआ नक्शा

अमर उजाला नेटवर्क,अयोध्या
Updated Wed, 02 Sep 2020 12:41 PM IST

अयोध्या राम मंदिर
– फोटो : अमर उजाला

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मानचित्र को लेकर अयोध्या विकास प्राधिकरण की बैठक शुरू हो गई है। बोर्ड के अध्यक्ष कमिश्नर एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता में यह बैठक शुरू हुई। 

बैठक में राम मंदिर के मानचित्र को लेकर चर्चा चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज ही मंदिर के मानचित्र को प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी मिल सकती है।

मालूम हो कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 274110 वर्ग मीटर का मानचित्र दाखिल किया है। इसमें ओपन एरिया 2,74,110 वर्ग मीटर और कवर्ड एरिया 13 हजार वर्ग मीटर है। 

ट्रस्ट को विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी देना होगा। लगभग पांच करोड़ रुपए विकास शुल्क व अन्य शुल्क आने की उम्मीद है। इसमें निर्माण पर लगने वाला श्रमिक सेस भी शामिल है। 

ट्रस्ट की तरफ से जमा की जाने वाली यह शुल्क आयकर छूट के बाद की है। बोर्ड से मानचित्र की मंजूरी के बाद प्राधिकरण शुल्क जमा करने के लिए ट्रस्ट को पत्र जारी करेगा। ट्रस्ट उसी के बाद धनराशि जमा करेगा। धनराशि जमा होने के बाद ही प्राधिकरण स्वीकृत मानचित्र ट्रस्ट को सौंपेगा।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मानचित्र को लेकर अयोध्या विकास प्राधिकरण की बैठक शुरू हो गई है। बोर्ड के अध्यक्ष कमिश्नर एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता में यह बैठक शुरू हुई। 

बैठक में राम मंदिर के मानचित्र को लेकर चर्चा चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज ही मंदिर के मानचित्र को प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी मिल सकती है।

मालूम हो कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 274110 वर्ग मीटर का मानचित्र दाखिल किया है। इसमें ओपन एरिया 2,74,110 वर्ग मीटर और कवर्ड एरिया 13 हजार वर्ग मीटर है। 

ट्रस्ट को विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी देना होगा। लगभग पांच करोड़ रुपए विकास शुल्क व अन्य शुल्क आने की उम्मीद है। इसमें निर्माण पर लगने वाला श्रमिक सेस भी शामिल है। 

ट्रस्ट की तरफ से जमा की जाने वाली यह शुल्क आयकर छूट के बाद की है। बोर्ड से मानचित्र की मंजूरी के बाद प्राधिकरण शुल्क जमा करने के लिए ट्रस्ट को पत्र जारी करेगा। ट्रस्ट उसी के बाद धनराशि जमा करेगा। धनराशि जमा होने के बाद ही प्राधिकरण स्वीकृत मानचित्र ट्रस्ट को सौंपेगा।

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