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मॉस्को5 मिनट पहले
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चीनी डेलिगेशन के साथ बातचीत करते भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राजनाथ सिंह।
- राजनाथ सिंह साफ किया- सीमा पर चीन का अपने सैनिकों को बढ़ाना अग्रेसिव बिहेवियर, भारत की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं
- 15 जून को लद्दाख के गलवान में हिंसक झड़प हुई थी, इसके 75 दिन बाद चीन ने फिर घुसपैठ की कोशिश की
गलवान झड़प (15 जून) के बाद पहली बार भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच शुक्रवार को रूस में आमने-सामने बातचीत हुई। ढाई घंटे चली ये बैठक शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की मीटिंग के इतर हुई। बातचीत का मुख्य मुद्दा सीमा विवाद ही रहा।
राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे से कहा कि गलवान घाटी समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर बीते कुछ महीनों में तनाव रहा है। सीमा पर चीन का अपने सैनिकों को बढ़ाना आक्रामक बर्ताव (अग्रेसिव बिहेवियर) को दिखाता है। यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।
राजनाथ ने यह भी कहा कि भारतीय सेनाओं ने सीमा पर हमेशा संयमित व्यवहार दर्शाया है। लेकिन यह भी सच है कि इसी दौरान हमने भारत की संप्रभुता (सॉवेरीनटी) और सीमाओं की रक्षा से कोई समझौता नहीं किया। दोनों पक्षों को अपने नेताओं की समझ-बूझ के निर्देशन में काम करना चाहिए, ताकि सीमा पर शांति कायम रह सके। साथ ही दोनों पक्षों को उन चीजों में नहीं उलझना चाहिए, जिससे विवाद बढ़े।
राजनाथ की चीन को सलाह
रक्षा मंत्री ने अपने काउंटरपार्ट से कहा कि चीन को जल्द ही भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि लद्दाख में समझौते और प्रोटोकॉल के आधार पर सभी विवादित जगहों मसलन पैंगॉन्ग झील के इलाके से दोनों तरफ के सैनिकों का डिएस्केलेशन शुरू किया जा सके। जो मौजूदा हालात हैं, उसे देखते हुए दोनों पक्षों को जिम्मेदारी दिखाना चाहिए। कोई भी ऐसा एक्शन न लें, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो।
मई से चीन सीमा पर हालात तनावपूर्ण
15 मई को लद्दाख के गलवान में चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला कर दिया था। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में चीन के भी 35 सैनिक मारे गए, पर उसने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की। विवाद को हल करने के लिए बीते महीनों में चीन और भारत के बीच कई बार सैन्य और आधिकारिक स्तर की बातचीत हो चुकी हैं, पर चीन हरकतों से बाज नहीं आ रहा।
75 दिन बाद फिर चीन की घुसपैठ
31 अगस्त को रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक नोट जारी किया। इसमें कहा गया है कि चीन ने फिर यथास्थिति (Status Quo) का उल्लंघन किया है। नोट के मुताबिक, 29 अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इससे पहले चीन ने लद्दाख के पास अपने जे-20 फाइटर प्लेन भी तैनात कर दिए थे। रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को पैंगॉन्ग सो झील के दक्षिणी किनारे पर ही रोक दिया। (पूरी खबर यहां पढ़ें)
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