Who Is Raghuvansh Prasad Singh, Read How His Political Journey Was In Bihar And Country – रघुवंश प्रसाद का एम्स में हुआ निधन, पढ़ें कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

Updated Sun, 13 Sep 2020 12:45 PM IST

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पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा दिया था। ऐसे में आइए आपको बताते हैं, उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन के बारे में।

रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून, 1946 को वैशाली के शाहपुर गांव में हुआ था। डॉ प्रसाद ने बिहार विश्वविद्यालय से गणित में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अपनी युवावस्था में वह लोहिया और कर्पूरी के समाजवादी आंदोलन से प्रेरित राजनीतिक धारा के साथ हो लिए और साल 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रियता ने उन्हें खास पहचान दी। 

उनके भाई रघुपति ने बताया कि रघुवंश ने अपने राजनीतिक जीवन में ‘विचार’ तो राम मनोहर लोहिया से लिए, पर ‘कर्म’ और संघर्ष की ताकत उन्हें कर्पूरी ठाकुर से मिली। रघुवंश प्रसाद का गांव-घर के लोगों से मिलने-जुलने या बात करने का हाव-भाव कर्पूरी जी से मिलता-जुलता था। 

साल 1973 में उन्हें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का सचिव बनाया गया। वहीं, 1977 से 1990 तक वे बिहार राज्यसभा के सदस्य रहे। वहीं, इस दौरान उन्होंने 1977-79 तक बिहार के ऊर्जा मंत्री का पदभार भी संभाला। 

यह भी पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का निधन, लालू ने कहा- ये आपने क्या किया, इतनी दूर चले गए

प्रसाद को लोकदल का अध्यक्ष भी बनाया गया। साल 1985 से 1990 के बीच तक वे लोक लेखांकन समिति के अध्यक्ष के रूप में रहे। इसके बाद साल 1990 में उन्होंने बिहार विधानसभा के सहायक स्पीकर का पदभार संभाला। 

रघुवंश का लोकसभा के सदस्य के रूप में पहला कार्यकाल साल 1996 में शुरू हुआ। वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीते और उन्हें केंद्रीय पशुपालन और डेयरी उद्योग राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 1998 और 1999 में हुए लोकसभा चुनावों में वे क्रमश: दूसरी और तीसरी बार लोकसभा के निर्वाचित हुए।

इस कार्यकाल के दौरान वह गृह मामलों की समिति के सदस्य रहे। साल  2004 में चौथी बार उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में चुना गया और 23 मई 2004 से 2009 तक वे ग्रामीण विकास के केंद्रीय मंत्री रहे। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने पांचवी बार जीत दर्ज की। हालांकि 10 सितंबर को उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया था।  

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा दिया था। ऐसे में आइए आपको बताते हैं, उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन के बारे में।

रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून, 1946 को वैशाली के शाहपुर गांव में हुआ था। डॉ प्रसाद ने बिहार विश्वविद्यालय से गणित में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अपनी युवावस्था में वह लोहिया और कर्पूरी के समाजवादी आंदोलन से प्रेरित राजनीतिक धारा के साथ हो लिए और साल 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रियता ने उन्हें खास पहचान दी। 

उनके भाई रघुपति ने बताया कि रघुवंश ने अपने राजनीतिक जीवन में ‘विचार’ तो राम मनोहर लोहिया से लिए, पर ‘कर्म’ और संघर्ष की ताकत उन्हें कर्पूरी ठाकुर से मिली। रघुवंश प्रसाद का गांव-घर के लोगों से मिलने-जुलने या बात करने का हाव-भाव कर्पूरी जी से मिलता-जुलता था। 

साल 1973 में उन्हें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का सचिव बनाया गया। वहीं, 1977 से 1990 तक वे बिहार राज्यसभा के सदस्य रहे। वहीं, इस दौरान उन्होंने 1977-79 तक बिहार के ऊर्जा मंत्री का पदभार भी संभाला। 

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प्रसाद को लोकदल का अध्यक्ष भी बनाया गया। साल 1985 से 1990 के बीच तक वे लोक लेखांकन समिति के अध्यक्ष के रूप में रहे। इसके बाद साल 1990 में उन्होंने बिहार विधानसभा के सहायक स्पीकर का पदभार संभाला। 

रघुवंश का लोकसभा के सदस्य के रूप में पहला कार्यकाल साल 1996 में शुरू हुआ। वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीते और उन्हें केंद्रीय पशुपालन और डेयरी उद्योग राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 1998 और 1999 में हुए लोकसभा चुनावों में वे क्रमश: दूसरी और तीसरी बार लोकसभा के निर्वाचित हुए।

इस कार्यकाल के दौरान वह गृह मामलों की समिति के सदस्य रहे। साल  2004 में चौथी बार उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में चुना गया और 23 मई 2004 से 2009 तक वे ग्रामीण विकास के केंद्रीय मंत्री रहे। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने पांचवी बार जीत दर्ज की। हालांकि 10 सितंबर को उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया था।  

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