छतरपुर/लवकुशनगर16 मिनट पहले
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- बम्हौरी पुरवा गांव का मामला, पीड़ित किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दिखाए पट्टे, बोले- न्याय दिलाएं
करीब 70 वर्षों से जिन भूमियों पर खेती कर रहे हैं, शासन ने उन भूमियों का पट्टा भी दिया। अब वन विभाग अपनी भूमि बताकर इन ग्रामीणों को बेदखल करने का प्रयास कर रहा है। लवकुशनगर क्षेत्र के बम्हौरी पुरवा के दर्जनों किसानों ने एसडीएम कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग की।
एसडीएम अविनाश रावत को सौंपे ज्ञापन के हवाले से किसानों ने बताया कि वह करीब 70 सालों से जमीनों पर खेती करते चले आ रहे हैं। सरकार से उन्हें पट्टा भी दिया गया है। हमने इन भूमियों को कड़ी मेहनत कर खेती योग्य बनाया है। अब वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी हमें फसल नहीं काटने दे रहे हैं। वह फसल काटने के बदले रुपयों की मांग कर रहे हैं।
बम्हौरी पुरवा के किसान बालचंद्र, नोने, रामप्यारे, रंधीर, गडुवा, बेटू, राजा अहिरवार, सीताराम पांडेय, स्वामीदीन यादव, डिल्ली सहित अन्य किसानों ने बताया कि अराजी नंबर 1130, 1134, 1129, 1133, 1123, 1126, 1173, 1174, 1130, 1129 में मौजा बम्हौरी पुरवा तहसील लवकुशनगर में करीब 70 वर्षों से उनका पुस्तैनी कब्जा चला आ रहा है।
शासन ने 1990-91 में उन्हें इन भूमियों के पट्टे भी दे दिए लेकिन अब वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी फसल काटने नहीं दे रहे है और किसानों नें 2000 रुपए प्रति एकड़ की मांग किए जाने का भी आरोप लगाया । क्रेडिट कार्ड व सम्मान निधि भी मिल रही
किसानों ने बताया कि जिस जमीन हम लोग काबिज और खेती कर रहे हैं उस जमीन के माध्यम से क्रेडिट कार्ड और सम्मान निधि भी हम लोगों के खाते में आ रही है। इसके साथ अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। यही जमीनें हमारे परिवार के भरण पोषण का एक मात्र जरिया है। अगर यह छिन गई तो हमारे परिवार भूखों मरने की स्थिति में आ जाएंगे।
रेंजर बोले, किसान सीमांकन करा लें
इस संबंध में रेंजर एसपी सिंह बुंदेला का कहना है कि वन विभाग की भूमि पर किसी को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। किसानों को कोई आपत्ति है तो अपने अपने दस्तावेज और हाल साल की नकल जमा करें, फाॅरेस्ट, राजस्व का संयुक्त सीमांकन करा लें।
एसडीएम ने जांच का दिया आश्वासन
किसानों का ज्ञापन लेते हुए एसडीएम अविनाश रावत ने मामले की जांच करने और सीमांकन कराने का आश्वासन दिया है।
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