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- NEET Medical Exam 2020 (Bihar) Latest News Updates; Darbhanga Student Santosh Kumar Yadav Traveled To Kolkata To Take National Eligibility Cum Entrance Test
पटना6 मिनट पहले
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संतोष यादव ने नीट की परीक्षा में शामिल होने के लिए दरभंगा से कोलकाता तक तीन बार बस बदला था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए पूरे साल तैयारी की, लेकिन 10 मिनट की देर ने एक साल बर्बाद कर दिया
- संतोष ने कहा कि मैंने परीक्षा केंद्र पर मौजूद अधिकारियों के काफी मिन्नतें की, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं लेट हो गया हूं
बिहार के दरभंगा जिले के संतोष कुमार यादव ने डॉक्टर बनने का सपना देखा था। मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए पूरे साल तैयारी की, लेकिन 10 मिनट की देर ने एक साल बर्बाद कर दिया। संतोष का परीक्षा केंद्र पूर्वी कोलकाता के साल्ट लेक टाउनशिप स्थित एक स्कूल में था। उसने 24 घंटे में करीब 700 किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान तीन बार बस बदला, लेकिन परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में 10 मिनट की देर हो गई। उसे परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया। संतोष ने कहा कि मैंने परीक्षा केंद्र पर मौजूद अधिकारियों से काफी मिन्नतें की, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं लेट हो गया हूं। अब कुछ नहीं हो सकता। परीक्षा दोपहर दो बजे शुरू होने वाली थी। मैं केंद्र पर 1:40 बजे पहुंचा। परीक्षा केंद्र में प्रवेश का अंतिम समय 1:30 बजे था। 10 मिनट की देर से मैंने अपना एक साल खो दिया।
सड़क जाम से हुई थी 6 घंटे की देर
मैं शनिवार सुबह ही घर से निकला था। सुबह आठ बजे दरभंगा से मुजफ्फरपुर जाने वाली बस में सवार हुआ। मुजफ्फरपुर से पटना जाने के लिए बस में सवार हुआ, लेकिन सड़क जाम के चलते पटना पहुंचने में करीब छह घंटे की देर हो गई। मैं शाम को 9 बजे पटना से कोलकाता जाने वाली बस में सवार हुआ। बस ने मुझे दोपहर 1:06 बजे कोलकाता के सियालदह स्टेशन पर छोड़ा। मैंने वहां से एक टैक्सी ली और परीक्षा केंद्र पहुंचा, लेकिन पहुंचते-पहुंचते दोपहर के 1:40 बज गए।
छात्र को हुई परेशानी पर हो रही राजनीति
स्कूल (जिसमें परीक्षा केंद्र था) के अधिकारियों ने परीक्षा देने आए छात्र से उसके लेट होने पर कोई संपर्क नहीं किया था। छात्र को असुविधा का सामना करना पड़ा। अब इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बहस हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि नीट और जेईई की परीक्षा रद्द करने संबंधी याचिका को खारिज करते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि छात्रों को यात्रा करने और ठहरने के लिए सभी तरह की सहायता मिलनी चाहिए। पश्चिम बंगाल में जेईई की परीक्षा के दौरान भी छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि 70 फीसदी छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। इस सरकार को छात्रों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। सरकार इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि छात्र (संतोष यादव) को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल पार्थ चटर्जी ने कहा कि हम जानते हैं कि छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेट्रो रेल से छात्र कोलकाता के अंदर सफर कर सकते हैं, लेकिन दूसरे जिलों के लोगों के लिए क्या उपाय है? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को पूरे राज्य में लगे लॉकडाउन को रद्द कर दिया था ताकि किसी छात्रों को परेशानी न हो। लेकिन कोरोना की महामारी के चलते छात्रों को इसके बाद भी दिक्कत हुई।
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