Xi Jinping Has Risked His Future With Lac Incursions: Report On China Border Row – एलएसी पर घुसपैठ में मिली मात से चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का भविष्य खतरे में: रिपोर्ट

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर घुसपैठ की घटना ने जिनपिंग के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा भारतीय सैनिकों को एलएसी पर पीछे धकेलने में विफल रहने से पता चलता है कि जिनपिंग की भयभीत करने की क्षमता में कमी आई है। 

न्यूजवीक पत्रिका में एक वकील और टिप्पणीकार गॉर्डन जी चांग द्वारा लिखित एक लेख में कहा गया, एलएसी के क्षेत्रों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की असफल घुसपैठों के चलते चीनी राष्ट्रपति का भविष्य खतरे में पड़ गया है। 

भारत पर हमले के वास्तुकार थे जिनपिंग
चांग ने लिखा, जिनपिंग भारत के खिलाफ इन आक्रामक कदमों के वास्तुकार थे, लेकिन चीनी सैनिक जिनपिंग के मंसूबों को कामयाब करने में अप्रत्याशित रूप से फ्लॉप हो गए। एलएसी पर चीनी सेना की विफलताओं के दूरगामी परिणाम होंगे और जिनपिंग अब सशस्त्र बलों में विरोधियों की जगह अपने वफादारों को पद पर काबिज करेंगे। 

यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि इस विफलता के चलते चीन के शासक शी जिनपिंग भारत के खिलाफ एक और आक्रामक कदम उठाने के लिए उत्तेजित होंगे। गौरतलब है कि जिनपिंग पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष भी हैं और पीएलए के नेता भी हैं।  

यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति-पीएम समेत देश की बड़ी हस्तियों की जासूसी कर रहा चीन, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

सीमा पर घुसपैठ सोची-समझी चाल

मई की शुरुआत में ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दक्षिण में चीन की फौजें आगे बढ़ीं। लद्दाख में तीन अलग-अलग इलाकों में एलएसी एशिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच अस्थायी सीमा है। यहां पर सीमा तय नहीं है और इसलिए पीएलए भारत की सीमा में घुसती रहती है। यहां घुसपैठ तब से ज्यादा बढ़ गई है, जब 2012 में शी जिनपिंग पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बनें। 

फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के क्लिओ पास्कल ने न्यूजवीक को बताया कि तिब्बत के स्वायत्तशासी क्षेत्र में चीन का लगातार युद्धाभ्यास इस इलाके में छिपकर आगे बढ़ने की तैयारियां हैं।  

वहीं, चीन द्वारा 15 जून को गलवां घाटी में हुई घुसपैठ को लेकर भारत चकित रह गया। यह पूरी तरह से सोची-समझी चाल थी और चीन के सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों के बीच पिछले 45 सालों में हुई यह पहली भिड़ंत थी।

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बताया गया कि इस घटना में चीन के 43 जवान मारे गए। वहीं, पास्कल ने बताया कि यह आंकड़ा 60 से अधिक हो सकता है। भारतीय जवान बहादुरी से लड़े। दूसरी तरफ, चीन ने खुद को हुए नुकसान को नहीं बताया है। 

यह भी पढ़ें: अब ड्रैगन ने अलापा शांति का राग, कहा- चीन का दुश्मन नहीं है भारत

भारत पर हमला कर सकता है चीन

शी ने दिखाया है कि वह सेना के राजनीतिक जमावड़े में अच्छे हैं और सैन्य उपकरणों पर बड़ी राशि खर्च कर सकते हैं। उन्होंने अन्य देशों को डराने की कला को भी ठीक तरीके से अंजाम दिया है। हालांकि, चीनी राष्ट्रपति ने अभी तक अपनी सेना के साथ मिलकर लड़ाई नहीं लड़ी है। 

चांग ने कहा कि दुर्भाग्य से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिनपिंग कुछ साबित करना चाहते हैं। परिणामस्वरूप, वह भारत पर हमले के लिए एक और प्रयास शुरू कर सकते हैं, ताकि वह अपने खोए हुए रुतबे को फिर से हासिल कर सकें।  

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Bihar: Rashtriya Seva Dal will do one crore virtual rally on 17 September , Patna News in Hindi

Tue Sep 15 , 2020
1 of 1 khaskhabar.com : मंगलवार, 15 सितम्बर 2020 3:59 PM पटना। निर्माण और सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर आगामी 17 सितंबर को राष्ट्र सेवा दल ‘रोजगार एक करोड़’ वर्चुअल रैली करेगा। राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने मंगलवार को पार्टी के पटना स्थित […]

You May Like