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- Coronavirus Novel Corona Covid 19 16 Sept | Coronavirus Novel Corona Covid 19 News World Cases Novel Corona Covid 19.
वॉशिंगटन39 मिनट पहले

अमेरिका के मैसाच्युसेट्स स्थित मॉर्डना कंपनी के लैब में वैक्सीन तैयार करने में जुटी एक रिसर्चर। सरकार ने कहा है कि 3-4 महीने में टीका तैयार कर लिया जाएगा।- फाइल फोटो
- दुनिया में 9 लाख से ज्यादा लोगों की मौत, 2 करोड़ से ज्यादा लोग अब स्वस्थ हो चुके
- अमेरिका में 67.87 लाख लोग संक्रमित हुए, 2 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं
दुनिया में अब संक्रमितों का आंकड़ा 2 करोड़ 99 लाख 28 हजार 423 हो चुका है। अच्छी खबर ये है कि ठीक होने वालों की संख्या भी अब करीब 2 करोड़ 17 लाख हो चुकी है। वहीं, महामारी में मरने वालों की संख्या 9 लाख 42 हजार से ज्यादा हो गई है। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं। अब बात करते हैं दुनियाभर में कोरोनावायरस से जुड़ी कुछ अहम खबरों की।
अमेरिका में लोगों को कोरोना वैक्सीन फ्री में लगाई जाएगी। सरकार ने बुधवार को कांग्रेस (संसद) को इससे जुड़ी रिपोर्ट सौंपी। सभी राज्यों को भी इसके बारे में एक बुकलेट के जरिए बताया गया है। वैक्सीन लगाने के अभियान के लिए हेल्थ एजेंसियों और रक्षा विभाग ने योजना तैयार की है।
इसके लिए अगले साल जनवरी या इस साल के आखिर तक अभियान शुरू किया जा सकता है। वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन का काम पेंटागन करेगा, लेकिन इसे लगाने का काम सिविल हेल्थ वकर्स करेंगे।
रूस भारतीय फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी को 10 करोड़ स्पूतनिक V वैक्सीन बेचेगा। इसके लिए रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के साथ डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज ने समझौता किया है। रूस के सॉवरेन वैल्थ फंड ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। इस वैक्सीन का फिलहाल ट्रायल चल रहा है। इसे गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। इसकी डिलिवरी ट्रायल खत्म होने के बाद और भारत में इसके रजिस्ट्रेशन के बाद शुरू होगी।
इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 67,96,567 | 2,00,650 | 40,69,609 |
भारत | 50,60,818 | 82,504 | 39,76,413 |
ब्राजील | 43,84,860 | 1,33,217 | 36,71,128 |
रूस | 10,79,519 | 18,917 | 8,90,114 |
पेरू | 7,38,020 | 30,927 | 5,80,753 |
कोलंबिया | 7,28,590 | 23,288 | 6,07,978 |
मैक्सिको | 6,76,487 | 71,678 | 4,81,068 |
साउथ अफ्रीका | 6,51,521 | 15,641 | 5,83,126 |
स्पेन | 6,03,167 | 30,004 | उपलब्ध नहीं |
अर्जेंटीना | 5,77,338 | 11,910 | 4,48,263 |
डब्ल्यूएचओ : युवाओं को खतरा कम
दुनियाभर में अब तक कोविड-19 के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें 20 साल से कम उम्र वाले मरीजों की संख्या 10% से भी कम है। इस उम्र वाले सिर्फ 0.2% लोगों की मौत हुई। यह आंकड़े मंगलवार रात डब्ल्यूएचओ ने जारी किए।
हालांकि, संगठन ने यह भी कहा कि इस बारे में अभी और रिसर्च की जरूरत है, क्योंकि बच्चों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। संगठन ने कहा- हम जानते हैं कि बच्चों के लिए भी यह वायरस जानलेवा है। उनमें भी हल्के लक्षण देखे गए हैं, लेकिन यह भी सही है कि उनमें डेथ रेट काफी कम है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 20 साल से कम उम्र के लोगों में कोरोनावायरस का खतरा कम रहा। इस उम्र के युवाओं में मौत का प्रतिशत 0.2 रहा। (प्रतीकात्मक)
न्यूजीलैंड : वायरस पर काबू
न्यूजीलैंड ने एक बार फिर सख्त उपायों के जरिए वायरस पर काबू पाने में सफलता हासिल की है। यहां मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कोई नया मामला सामने नहीं आया। हालांकि, इसके बावजूद हेल्थ मिनिस्ट्री काफी सावधानी बरत रही है। उन इलाकों पर खासतौर पर नजर रखी जा रही है, जहां पहले और दूसरे दौर में मरीज सामने आए थे।
सरकार ने आइसोलेशन और क्वारैंटाइन फैसिलिटीज को लेकर नए सिरे से गाइडलाइन जारी की हैं। न्यूजीलैंड में अब तक कोरोनावायरस से 25 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने मंगलवार को कहा- हम हालात को लेकर कतई लापरवाह नहीं हो सकते। कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा कभी भी घातक हो सकता है। प्रतिबंध सोमवार तक जारी रहेंगे।

न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन शहर में लोगों की जांच करती हेल्थ टीम। यहां संक्रमण के दूसरे दौर पर सख्ती से काबू पाया गया है। हालांकि, प्रतिबंध अगले हफ्ते तक जारी रखे जाएंगे। (फाइल)
यूनिसेफ: दुनिया के आधे बच्चे स्कूल नहीं जा रहे
महामारी ने बच्चों को काफी हद तक प्रभावित किया है। यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरिटा फोरे ने कहा- 192 देशों में आधे से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। महामारी ने इन पर गंभीर असर डाला है। करीब 16 करोड़ स्कूली बच्चे इन दिनों घर में हैं। फोरे ने कहा- यह सुकून की बात है कि दूर-दराज में रहने वाले लाखों बच्चे टीवी, इंटरनेट या ऐसे ही दूसरे किसी माध्यम के जरिए शिक्षा हासिल कर पा रहे हैं।

फोटो साउथ कोरिया की राजधानी सियोल के एक स्कूल की है। यहां जून से अब तक दो बार स्कूल खोले जा चुके हैं, दोनों बार संक्रमण के मामले सामने आए और इन्हें बंद करना पड़ा। (फाइल)
अमेरिका: जनवरी में ही शुरू हुआ वायरस का असर
यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में कोरोनावायरस का असर जनवरी 2020 में शुरू हुआ था। लेकिन, एक नया रिसर्च इस दावे को खारिज करता नजर आता है। यूसीएलए के मुताबिक, कोरोनावायरस जनवरी 2020 में नहीं, बल्कि दिसंबर 2019 में ही अमेरिका पहुंच चुका था। यह रिसर्च जर्नल ऑफ मेडिकल इंटरनेट पर जारी हुई है।
रिसर्च टीम ने पाया कि 22 दिसंबर के पहले ही अमेरिका के कई अस्पतालों और क्लीनिक्स में मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई थी। ज्यादातर मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और बदन दर्द की समस्या हुई थी। अमेरिका में पहला मामला जनवरी के मध्य में सामने आया था। यह व्यक्ति चीन के वुहान से लौटा था।