नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
– फोटो : Facebook
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बिहार के मंत्री संजय कुमार झा और अशोक चौधरी ने पिछले 15 वर्षों में राज्य के पुनर्निर्माण के लिए “इंजीनियर” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की। संजय और अशोक ने मंगलवार को ‘इंजीनियर दिवस’ के अवसर पर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले नीतीश की प्रशंसा करते हुए उक्त बात कही।
दोनों मंत्रियों ने दावा किया कि नीतीश ने पिछले 15 वर्षों में बिहार का “पुनर्निर्माण” किया है जो 2005 में उनके सत्ता संभालने से पहले बुरी स्थिति में था। उन्होंने कहा कि राजद ने 1990 से 2005 तक अपने पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद और फिर उनकी पत्नी राबड़ी देवी के नेतृत्व में बिहार पर शासन किया।
नवंबर 2005 में, राजग ने राजद को सत्ता से बेदखल कर दिया था और नीतीश ने तब से राज्य को सँभाला है, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू को करारी हार मिलने की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था।
बिहार में सत्तारूढ़ जदयू, जिसके संजय झा राष्ट्रीय महासचिव भी हैं, प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश जो 2005 में राज्य में सत्ता में आए थे, के 15 साल के शासन बनाम लालू-राबड़ी शासन के डेढ़-डेढ़ दशक के शासन की तुलना करते हुए कहा कि राजद के शासनकाल में औसत विकास दर लगभग 3.19 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 11.3 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य की 22 फीसदी आबादी के पास ही राजद के शासनकाल में बिजली की पहुंच थी, लेकिन अब सभी घरों में बिजली कनेक्शन है।
नीतीश के विश्वासपात्र संजय ने बिहार में बिजली के परिदृश्य पर बात करते हुए कहा कि पहले राज्य में लोग अपने घरों में बिजली की आपूर्ति के लिए इंतजार करते थे, खासकर ग्रामीण इलाकों में और लालटेन का उपयोग करने के लिए मजबूर थे। लेकिन अब गांवों में एक दिन के 24 घंटे में से 22 घंटों तक के लिए बिजली की आपूर्ति है।
उन्होंने कहा कि लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) की मदद से बिहार में विकास की तलाश करने की कोई जरूरत नहीं है। आज हर गांव में एलईडी लाइट्स के नीचे प्रगति साफ दिख रही है।संजय ने दावा किया कि नीतीश के नेतृत्व में पिछले 15 वर्षों में बिहार के बजट का आकार राजद के शासनकाल के मुकाबले आठ गुना बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि 2005-06 में बजट का आकार 23,885 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 2,11,761 करोड़ रुपये हो गया है। जल संसाधन मंत्री संजय ने कहा कि राजद के कार्यकाल में बिहार में औद्योगिक विकास दर शून्य थी जो अब 17 प्रतिशत है।
उन्होंने ने कहा कि जल संसाधन विभाग में 1979 से कोई नया सहायक अभियंता (मैकेनिकल) नियुक्त नहीं किया गया था। अब 41 वर्षों के बाद सरकार ने उनमें से 615 लोगों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की है।