न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Thu, 17 Sep 2020 04:18 AM IST
नीतीश कुमार और चिराग पासवान
– फोटो : पीटीआई (फाइल)
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
जदयू की इस मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने सुरक्षात्मक तरीके से जवाब दिया है। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने पिछले 15 सालों में दलित वर्ग के लिए बहुत काम किया है। जिसे इस बारे में शंका हो उसे जनता के पास जाना चाहिए और लोगों से पूछना चाहिए कि उन्होंने समुदाय के लिए क्या किया है।’
लोजपा के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक के बाद पार्टी के मुख्य महासचिव अब्दुल खलिक ने कहा, ‘पार्टी ने गठबंधन और अन्य मामलों से संबंधित मुद्दों पर फैसलों को हमारे अध्यक्ष चिराग पासवाने के लिए छोड़ा है और जदयू के मुख्य महासचिव केसी त्यागी के बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन है।’
एक ओर चिराग नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं तो जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ने भी आक्रमक रुख अख्तियार किया है। मांझी ने बुधवार को लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान की तारीफ करते हुए कहा कि वह सबसे बड़े दलित नेता हैं। चिराग परिवार के सदस्य की तरह हैं और एनडीए के साथ जो भी विवाद हैं उन्हें सुलझा लिया जाएगा।
जदयू से एक सीट अधिक पर चुनाव लड़े भाजपा : चिराग पासवान
चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी को, जदयू से एक सीट अधिक पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहिए। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पासवान ने मंगलवार को नड्डा से मुलाकात की थी और उन्हें सुझाव दिया कि भाजपा को नीतीश नीत जनता दल (यूनाइटेड) से एक सीट अधिक पर चुनाव लड़ना चाहिए।
गौरतलब है कि भाजपा, जदयू और लोजपा राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए इन दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। जदयू और भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव 17-17 सीटों पर लड़ा था, जबकि शेष छह सीटें लोजपा के लिए छोड़ी थीं।
जदयू का मानना है कि उसे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये भाजपा से अधिक सीटें मिलनी चाहिए क्योंकि भगवा पार्टी की तुलना में उसके अधिक विधायक हैं। हालांकि, भाजपा ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्प्णी नहीं की है। लोजपा और जदयू के बीच जुबानी जंग चल रही है। नीतीश नीत बिहार सरकार की कार्यशैली को पासवान अक्सर निशाना बनाते रहे हैं।