Poverty was such that he had to give up his studies, but kept on persisting, completed his degree from IIT and became a scientist | गरीबी ऐसी कि पढ़ाई तक छोड़नी पड़ी, लेकिन डटा रहा, आईआईटी से डिग्री पूरी कर बना वैज्ञानिक

दैनिक भास्कर

Jun 14, 2020, 09:58 AM IST

अंकित का परिवार बिहार के एक छोटे से शहर जमुई में रहता था। पिता प्रदीप लाट ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे, न ही रोजगार का कोई स्थायी जरिया था। कभी कभार थोड़े कपड़े बेच लिया करते थे। इससे किसी तरह परिवार का गुजारा चलता था। कमाई इतनी नहीं थी कि बच्चों को पढ़ाने की सोच भी सकें। लेकिन मां सुधा अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनते देखना चाहती थीं। अंकित तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। मां उसे घर के बगल में ही एक सरकारी स्कूल में भेजने लगीं। जब वह छठी कक्षा में था तब उसे किसी ने वैज्ञानिकों की जीवनी वाली एक किताब पढ़ने को दी। अंकित उनके आविष्कारों से इतना प्रभावित हुआ कि उसने बड़ा होकर वैज्ञानिक बनने की ही ठान ली। हालांकि, वैज्ञानिक बनते कैसे हैं, यह उसे पता नहीं था। इधर बच्चे बड़े हो रहे थे और पिता के लिए दो जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा था। घर की हालत इतनी खराब थी कि कई बार उसके पास किताब-कॉपी भी नहीं होती थी।

दसवीं के बाद छूट गई पढ़ाई

वर्ष 2005 में उसने दसवीं की परीक्षा पास कर ली, लेकिन आगे की पढ़ाई का खर्च उठाना परिवार के लिए संभव नहीं था। अंकित की पढ़ाई छूट गई और वह पिता के काम में हाथ बंटाने लगा। लेकिन वैज्ञानिक बनने का सपना उसने अब भी छोड़ा नहीं था। जहां जो मिल जाए, वही पढ़ने लगता था। उसे किसी ने बताया कि वैज्ञानिक बनने के लिए आईआईटी में पढ़ाई करनी चाहिए, लेकिन उसे तो आईआईटी के बारे कोई जानकारी नहीं थी। इसी बीच उसने अखबार में सुपर-30 के बारे में पढ़ा और मेरे पास गया। पहली मुलाकात में ही उसने मुझे प्रभावित किया। उसके हरेक शब्द से जैसे आत्मविश्वास झलक रहा था। उसे बस एक मौके की दरकार थी। वह हमारे साथ रहने लगा। साथ में एक अच्छे स्कूल का सपोर्ट भी मिल गया। दसवीं से बारहवीं तक स्कूल भी जाकर पढ़ने का निःशुल्क ऑफर मिला।

बारहवीं के साथ की आईआईटी की तैयारी 

वह जीतोड़ मेहनत करता। हर कॉन्सेप्ट की गहराई में उतरकर उसे समझने की कोशिश करता। एक ही सवाल को अलग-अलग तरीकों से हल करने के बारे में सोचता रहता। कहीं कोई दिक्कत होती तो सीधे मेरे पास आ जाता, लेकिन प्रश्न का जवाब ढूंढे बगैर दम नहीं लेता। बारहवीं के साथ-साथ ही वह आईआईटी की तैयारी भी कर रहा था। आखिर वह दिन भी आ गया जब उसे आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में शामिल होना था। दूसरे छात्र जहां तनाव में थे, अंकित निश्चिंत था। परीक्षा देकर लौटा तो दूर से ही उसके चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि उसे अपनी कामयाबी का पूरा भरोसा है। आते ही उसने मुझे कहा कि अब मेरा वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा होने वाला है।

वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा

रिजल्ट आया तो लिस्ट में उसका भी नाम था। अंकित को आईआईटी, पटना में एडमिशन मिला। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही वह इंटर्नशिप के लिए दो बार अमेरिका के ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी गया। डिग्री पूरी करने के बाद वह रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक के पद पर काम कर रहा है। उसके मार्गदर्शन में एक भाई पटना मेडिकल कॉलेज और दूसरा आईआईटी, कानपुर में पढ़ाई पूरी करके नौकरी कर रहा है ।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

The remaining examinations of the HPBOSE 12th class are canceled, the result will be released on the basis of the examination of the earlier subjects. | 12वीं की बाकी बची परीक्षाएं रद्द, पहले हो चुकीं विषयों की परीक्षा के आधार पर जारी होगा रिजल्ट

Mon Jun 15 , 2020
इस बार जून के अंत तक आ सकते हैं कक्षा 12वीं के परिणाम बोर्ड ने 9 जून को 10वीं कक्षा के परिणाम जारी किए दैनिक भास्कर Jun 13, 2020, 09:11 PM IST हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HPBOSE), धर्मशाला ने एक नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी कि राज्य में […]

You May Like