न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 27 Sep 2020 12:10 AM IST
एनडीए से अलग हुआ अकाली दल
– फोटो : social media
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शिरोमणि अकाली दल उन सबसे पुराने साथियों में शुमार है, जिसने राजग के साथ रहकर अपनी सियासी जमीन को मजबूत बनाया।
राजग के सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से शिरोमणि अकाली दल का नाता टूटने की वजह वो कृषि विधेयक हैं, जिन्हें हाल ही में संसद से पारित किया गया है। इन विधेयकों के पारित होने की प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार की काफी आलोचना भी की गई है।
बहरहाल, अब दोनों पार्टियों का 22 साल का साथ छूट गया है। अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को पार्टी की कोर कमिटी के साथ बैठक में यह फैसला लिया। बता दें कि अकाली दल 1998 से राजग में था।
पिछले दिनों संसद के मानसून सत्र के दौरान कृषि विधेयकों के विरोध में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उसी के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही अकाली दल राजग से अलग होने का एलान कर सकता है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ‘हम एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, जो इन विधेयकों को लेकर आया है। सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि शिरोमणि अकाली दल अब राजग का हिस्सा नहीं है।
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की ओर से कहा गया कि ‘पार्टी ने एमएसपी पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से मना करने के कारण भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है। पंजाबी और सिख मुद्दों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता भी इसके पीछे की एक वजह बताई जा रही है।
गौरतलब है कि शिवसेना के बाद अकाली दल को भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी के रूप में देता जाता था। परंतु शिवसेना पहले ही एनडीए से अलग हो चुकी है और अब अकाली दल भी कृषि विधेयकों को लेकर नाराजगी के कारण राजग से अलग हो गया है।
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को संसद से पारित कराया था। राज्यसभा में बिल पेश करते वक्त काफी हंगामा भी हुआ। हंगामे के बीच बिना मत विभाजन के विधेयकों को पारित कर दिया गया था। इसके बाद इस मुद्दे पर संसद में हंगामा करने वाले आठ सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस बिल के खिलाफ सड़कों पर काफी उग्र प्रदर्शन किया था।