Bihar Election 2020 News In Hindi: Once The Veteran Of State Politics, Yashwant Sinha Is Now Looking For Comeback – Bihar Election 2020: कभी राज्य की राजनीति के दिग्गज आज बियाबान में, नहीं मिल रहा ठौर

कुमार निशांत, अमर उजाला, पटना।

Updated Tue, 29 Sep 2020 03:10 AM IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा
– फोटो : अमर उजाला

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बिहार की राजनीति में कभी जनता के दिलों पर राज करने वाले कई दिग्गज नेता आज हाशिए पर हैं। 1984 में चंद्रशेखर की पदयात्रा में शामिल होकर तत्कालीन आईएएस अधिकारी यशवंत सिन्हा सुर्खियों में आए थे। बिहार की उस पदयात्रा की जिम्मेदारी यशवंत सिन्हा ने ही उठाई थी। वो बड़े सामजावादी नेता के तौर पर उभरे।

बाद में उनका कद इतना बढ़ा कि 1990 में वह मुख्यमंत्री का नाम तय करने वालों की भूमिका में रहे। कभी केंद्र में मंत्री रहे यशवंत 36 साल बाद फिर से बिहार की राजनीति में जगह तलाशने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कहीं ठौर मिलता नहीं दिख रहा।

बात शरद यादव की की जाए तो एक दौर था वह जो चाहते थे वही फैसला बिहार में लागू हो जाता था। शरद इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्होंने तीन राज्यों से लोकसभा चुनाव जीता है। वह चार बार बिहार के मधेपुरा से, दो बार मध्य प्रदेश के जबलपुर से और एक बार यूपी के बदायूं से लोकसभा के लिए चुने गए हैं।

नीतीश कुमार और लालू यादव के इस राजनीतिक गुरु की बिहार की राजनीति में अब कोई पूछ नहीं है। वहीं वशिष्ठ नारायण सिंह तीसरी बार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं। दादा नाम से पुकारे जाने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह कभी समाजवादी राजनीति का बड़ा नाम थे। नीतीश इनके जूनियर हुआ करते थे। आज दादा को जदयू ने अघोषित मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया है।

उधर, स्वतंत्रता सेनानी परिवार में पैदा हुए आनंद मोहन आज भले ही जेल में बंद हैं, लेकिन 1995 का चुनाव आनंद मोहन के नाम रहा था। तब आनंद मोहन की पार्टी बिपीपा ने नीतीश की समता पार्टी से अच्छा प्रदर्शन किया था। जेपी आंदोलन में जेल गए आनंद मोहन फिलहाल हत्या के मामले में सजायाप्ता हैं। बिहार की राजनीति में अब आनंद मोहन का कोई नाम भी लेने वाला नहीं है।

चुनाव में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका: फडणवीस

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के सह प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बिहार चुनाव में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये बातें उन्होंने  भारतीय जनता पार्टी, बिहार प्रदेश द्वारा सोमवार को प्रदेश कार्यालय में आईटी एवं सोशल मीडिया की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में कही।

इस दौरान फडणवीस सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं से कहा कि सोशल मीडिया के माध्यमों से आमजन को आकर्षित करने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए। फडणवीस ने चुनावी मोड में विशेष तौर पर वर्चुअल रैलियों को बूथ स्तर तक पहुंचाने की अपील की। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रदेश आईटी एवं सोशल मीडिया संयोजक मनन कृष्ण ने की।

बिहार की राजनीति में कभी जनता के दिलों पर राज करने वाले कई दिग्गज नेता आज हाशिए पर हैं। 1984 में चंद्रशेखर की पदयात्रा में शामिल होकर तत्कालीन आईएएस अधिकारी यशवंत सिन्हा सुर्खियों में आए थे। बिहार की उस पदयात्रा की जिम्मेदारी यशवंत सिन्हा ने ही उठाई थी। वो बड़े सामजावादी नेता के तौर पर उभरे।

बाद में उनका कद इतना बढ़ा कि 1990 में वह मुख्यमंत्री का नाम तय करने वालों की भूमिका में रहे। कभी केंद्र में मंत्री रहे यशवंत 36 साल बाद फिर से बिहार की राजनीति में जगह तलाशने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कहीं ठौर मिलता नहीं दिख रहा।

बात शरद यादव की की जाए तो एक दौर था वह जो चाहते थे वही फैसला बिहार में लागू हो जाता था। शरद इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्होंने तीन राज्यों से लोकसभा चुनाव जीता है। वह चार बार बिहार के मधेपुरा से, दो बार मध्य प्रदेश के जबलपुर से और एक बार यूपी के बदायूं से लोकसभा के लिए चुने गए हैं।

नीतीश कुमार और लालू यादव के इस राजनीतिक गुरु की बिहार की राजनीति में अब कोई पूछ नहीं है। वहीं वशिष्ठ नारायण सिंह तीसरी बार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं। दादा नाम से पुकारे जाने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह कभी समाजवादी राजनीति का बड़ा नाम थे। नीतीश इनके जूनियर हुआ करते थे। आज दादा को जदयू ने अघोषित मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया है।

उधर, स्वतंत्रता सेनानी परिवार में पैदा हुए आनंद मोहन आज भले ही जेल में बंद हैं, लेकिन 1995 का चुनाव आनंद मोहन के नाम रहा था। तब आनंद मोहन की पार्टी बिपीपा ने नीतीश की समता पार्टी से अच्छा प्रदर्शन किया था। जेपी आंदोलन में जेल गए आनंद मोहन फिलहाल हत्या के मामले में सजायाप्ता हैं। बिहार की राजनीति में अब आनंद मोहन का कोई नाम भी लेने वाला नहीं है।

चुनाव में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका: फडणवीस

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के सह प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बिहार चुनाव में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये बातें उन्होंने  भारतीय जनता पार्टी, बिहार प्रदेश द्वारा सोमवार को प्रदेश कार्यालय में आईटी एवं सोशल मीडिया की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में कही।

इस दौरान फडणवीस सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं से कहा कि सोशल मीडिया के माध्यमों से आमजन को आकर्षित करने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए। फडणवीस ने चुनावी मोड में विशेष तौर पर वर्चुअल रैलियों को बूथ स्तर तक पहुंचाने की अपील की। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रदेश आईटी एवं सोशल मीडिया संयोजक मनन कृष्ण ने की।

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